भारत देश की आस्तीन में इतने सांप है कि 1 गिनों तो अपने आप 100 निकल आते हैं..। वामपंथी मीडिया के हैंडल ‘द क्विंट’ ने दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को लेकर एक खबर प्रकाशित की है..। ‘द क्विंट’ ने अपनी खबर में लिखा है कि दिल्ली दंगों का आरोपी शाहरुख पठान ‘बेटा है, दोस्त है..इंसान है’ … आखिर क्विंट पोर्टल को ऐसी क्या जरूरत पड़ गई जिसमें उसने दंगों के आरोपी का ऐसा महिमामंडन किया है और उसके व्यक्तित्व के मानवीय पक्षों को सामने किया है ताकि उसके समर्थन में हमदर्दी पैदा की जा सके।


वामपंथी पोर्टल ‘द क्विंट’ ने अपनी खबर में लिखा है कि जिस तरह से शाहरुख पठान की पिस्टल लिए तस्वीर दिल्ली दंगों में सबसे ज्यादा वायरल की गई है इसके पीछे शाहरुख पठान का हिंसक व्यक्तित्व नहीं बल्कि उस दिन हो रही घटनाएं जिम्मेदार हैं। खबर में ‘द क्विंट’ ने लिखा है कि मासूम शाहरुख पठान अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रहा था और उसकी अम्मी नमाज पढ़ रही थी.. खबर में झूठा प्रोपेगेंडा इस कदर लिखा गया है कि खबर पढ़ते हुए शर्म आ जाती है… द क्विंट ने अपनी खबर में लिखा है कि शाहरुख एक सिंपल माइंड का लड़का है जो सिर्फ मॉडलिंग किया करता है। दंगों वाले दिन शाहरुख को हिंसक हिंदू भीड़ ने घेर लिया था और भीड़ के हाथों से ही उसने पिस्टल छीन ली और इस तरह पिस्टल उसके हाथ में आई। 


झूठ की नाव पर सवार होते हुए ‘द प्रिंट’ ने लिखा है कि शाहरुख ने हिंदू भीड़ से पिस्टल छीनी और अपनी रक्षा के लिए हवा में फायर किया और यह अल्लाह का चमत्कार है कि उसकी जान बच गई व उसने सैकड़ों मुसलमान लोगों की जान भी बचाई। जबकि पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि शाहरुख ने अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर से 2 साल पहले ऑटोमेटिक पिस्टल ली थी। 


गौरतलब है कि शाहरुख पठान का बड़ा भाई फ़ैज़ है जो कि 27 साल की उम्र का है वह इस्लाम के लिए प्रचार प्रसार का काम करता है और कभी घर नहीं आता है फ़ैज़ ने अपना जीवन पूरी तरह इस्लाम को समर्पित कर दिया है और वह लगातार जमात में ही रहता है।

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