PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया जो हर वक्त देश को तोड़ने, देश को जलाने और भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के सपने देखता है. चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पिछले कुछ दिनों से लगातार ख़बरों में बना हुआ है. राजस्थान से लेकर केरल तक इस चरमपंथी संगठन का नाम हिंसक गतिविधियों में आया है. लेकिन इस बार बिहार में PFI एक खतरनाक एंजेडा चला रहा था .

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत को 2047 तक ‘इस्लामिक राष्ट्र’ में तब्दील करने का विजन और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर हथियार चलाने की ट्रेनिंग के खतरनाक एजेंडा कुछ लोग देश में रहकर ही भारत के खिलाफ कर रहे हैं. बिहार के फुलवारी शरीफ में पटना पुलिस ने एक टेरर मॉड्यूल को खुलासा किया है.

इस साजिश के पीछे और कोई नहीं कट्टरपंथी और आतंकी संगठन PFI का नाम सामने आया है। दोनों गिरफ्तार आरोपियों के पास से जो संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े पाए गए थे साथ ही एक दस्तावेज का पता लगाया, जिसमें देश की आजादी की 100 वीं वर्षगांठ तक भारत में “इस्लामी राष्ट्र” स्थापित करने की योजना पर चर्चा की गई है।

एक चौंकाने वाली बात सामने आयी है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन है। वहीं दूसरा पीएफआई का मौजूदा सदस्य अतहर परवेज है। पटना पुलिस के मुताबिक ये दोनों मार्शल आर्ट की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग दे रहे थे। दैनिक जागरण के मुताबिक अतहर परवेज पहले सिमी का सक्रिय सदस्य था। इसके संपर्क में फुलवारीशरीफ सहित पटना के आसपास के जिलों के लोग थे। सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद वह सदस्यों की सूची तैयार करने लगा। फिर सिमी के पुराने सदस्य जो जेल में थे, उनकी कानूनी मदद करने लगा। जो भी खर्च आता था उसका फंडिंग करता था। स्थानीय लोगों को इसकी गतिविधियों पर संदेह न हो इस वजह से वह एसडीपीआइ पार्टी का पटना जिला महासचिव बन गया। सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में भी इसका आना जाना लगा रहता था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 13 जुलाई को बिहार पुलिस के बाद ‘इंडिया 2047- टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया’ शीर्षक से आठ पन्नों का दस्तावेज बरामद किया गया था। ‘नॉट फॉर सर्कुलेशन’ के रूप में चिह्नित आंतरिक दस्तावेज के अंशों में कहा गया है कि पीएफआई को विश्वास है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 प्रतिशत भी इसके पीछे आ जाता है, तो संगठन ‘बहुसंख्यक समुदाय’ को अपने घुटनों के बल अपने अधीन कर लेगा और इस्लाम की महिमा को भारत में वापस लाएगा।

आपको याद दिला दे ये वही PFI संगठन है, जिसके तार देशभर में हुए सीएए विरोधी दंगों से जुड़े हैं. कर्नाटक हिजाब विवाद को भड़काने में भी पीएफआई का ही हाथ था. इसी पीएफआई से जुड़े केरल के कई लोग इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS में भी शामिल हुए थे.

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