बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं पश्चिम बंगाल के कद्दावर नेता मुकुल रॉय। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर बीजेपी 77 सीट जीत कर भी इतनी खामोशी से बंगाल में सब कुछ कैसे सह रही है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हिंसा के चलते तकरीबन 100000 हिंदुओं का पलायन पश्चिम बंगाल से अब तक हो चुका है, आए दिन महिलाओं से बलात्कार और हिंसा की खबरें भी देखने सुनने को मिलती हैं… सोशल मीडिया पर लगातार आवाज उठाई जा रही है कि बीजेपी इस मुद्दे पर फ्रंट फुट पर आकर अपना विरोध दर्ज कराए मगर लुटियन दिल्ली में बैठे हुए बीजेपी आलाकमान इस मुद्दे पर खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं।
जब बीजेपी आलाकमान ने पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं को बेसहारा छोड़ दिया है तो ऐसे में अब पार्टी के कद्दावर नेता धीरे-धीरे वहां से खिसकने शुरू हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कई नेता वापस तृणमूल कांग्रेस में जाने की सोच रहे हैं और मुकुल रॉय की घर वापसी इसी अभियान का अहम हिस्सा है।
ममता बनर्जी सोच समझकर मुकुल रॉय को वापस तृणमूल कांग्रेस में लेकर आई हैं और अब उनकी रणनीति यह है कि मुकुल रॉय के सहारे टीएमसी का कैडर तोड़ चुकी बीजेपी को झटका लगाया जाए और अपने सभी कार्यकर्ताओं को वापस टीएमसी से जोड़ा जाए ताकि बीजेपी बंगाल में धीरे-धीरे आधारहीन हो सके।
अब से थोड़ी देर पहले Kreately टीम की सदस्य ऑटो से आ रही थीं तो ऑटो चला रहे (नाम नहीं छाप रहे हैं) चचा ने इस खबर पर हंसकर कहा कि बीजेपी में रहकर मरने पिटने से अच्छा है कि तृणमूल ही जॉइन कर ली जाए, मरता क्या न करता..!
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