गाजियाबाद मसले पर जिस तरह से यूपी पुलिस ने 9 लोगों पर एफ आई आर दर्ज की थी, उसके बाद देश में आस जगी थी कि अबकी बार योगी सरकार झूठी खबर फैलाने वालों को बख्शने नहीं जा रही है। अभी हाल ही में यूपी पुलिस ने टि्वटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश माहेश्वरी को नोटिस भेजकर 24 जून को पुलिस स्टेशन में पेश होने को कहा है मगर अब तक ट्विटर की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है… दरअसल गाज़ियाबाद के फर्जी वीडियो को Manipulated media न दिखाने पर UP पुलिस ने ट्विटर पर FIR दर्ज की है, गौरतलब है कि गाजियाबाद के एक मुस्लिम अब्दुल समद का वीडियो वायरल हुआ था, वीडियो म्यूट था, दावा किया जा रहा था कि मुस्लिम होने के नाते उनके साथ मारपीट की गई और जबरन उनकी दाढ़ी काट दी गई, पुलिस जांच में सामने आया कि न तो मौलवी से जय श्री राम बोलने के लिए कहा गया और न ही उसके साथ मुस्लिम होने की वजह से मारपीट की गई।


हैरानी की बात यह है कि जिन 9 लोगों के खिलाफ यूपी पुलिस में एफ आई आर दर्ज की थी और फिर इसके बाद यूपी सरकार और यूपी बीजेपी के तमाम लोगों ने प्रशस्ति का डंका बजाया था उसके बाद अब वो नक्कारखाने में तूती साबित हो रहा है जिसकी गूंज अब सुनाई देनी बंद हो गई है , देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर पर्दे के पीछे क्या हो रहा है।

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