‘गुजरात फाइल्स’ वाली राणा अय्यूब किस हद तक मानसिक ज़हर से भरी हुई तथाकथित पत्रकार हैं ये बताने की जरुरत नहीं है. वामपंथी खेमे की बड़ी पत्रकारों में से एक राणा अय्यूब हर बार गलत वजहों और देश विरोधी प्रोपगेंडा चलाने के लिए हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. इन सबके लिए वो सबसे ज्यादा Twitter का इस्तेमाल करती हैं. इसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये वे देश का माहौल खराब करने और देश की छवि को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश ज्यादातर करती हैं . लेकिन इस बार उसी Twitter ने राणा अयूब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राणा अयूब द्वारा ज्ञानवापी पर किए गए एक ट्वीट पर ट्विटर ने ये कार्रवाई करते हुए उसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। इस ट्वीट के खिलाफ सोशल मीडिया साइट को भारत सरकार ने कार्रवाई करने को कहा था। उस ट्वीट में राणा अयूब ने सरकार से लेकर ज्यूडीशरी सिस्टम और देश के लोकतंत्र पर सवाल उठाये थे क्योंकि कोर्ट ने ज्ञानवापी में ASI सर्वे की अनुमति दे दी थी।

राणा अयूब ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर ट्विटर के नोटिस का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा, “हेलो @Twitter, वास्तव में ये है क्या ?” अय्यूब ने ट्विटर से जो नोटिस शेयर किया, उसमें लिखा है, “भारत के स्थानीय कानूनों के तहत ट्विटर के दायित्वों का पालन करने के लिए, हमने देश के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत भारत में निम्नलिखित खाते को रोक दिया है।”

इधर जिस ट्वीट के हटने से राणा अयूब इतनी दुखी हैं उसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे हैं।

साभार-सोशल मीडिया

देश वो या विदेश राणा अयूब के चाहने वाले हर जगह मौजूद हैं. इसी कड़ी में ट्वीटर के एक्शन के बाद भारत विरोधी प्रोपगेंडा चलाने वालों के कलेजे पर मानो सांप लोट रहा हो. राणा अयूब के समर्थन में किये गए उनके ट्वीट को देखकर ऐसा लग रहा है मानो भारत में राणा अयूब को कितना ही परेशान किया जाता है . उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को ठेस पहुंचाया जाता है . लेकिन हकीकत क्या है ये सबको मालूम है. भारत विरोधी प्रचार करने वाली ऑद्रे ट्रुश्के ने इस कार्रवाई पर कहा कि ट्विटर भारत की सबसे बड़ी पत्रकारों में से एक का ट्वीट सेंसर करता दिख रहा है।

वहीं स्मृति मुंद्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि “गुजरात दंगों में भूमिका को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट का फैसले जीतने के बाद एक कार्यकर्ता मुंबई में गिरफ्तार की गई और अब एक मुस्लिम पत्रकार को सेंसर किया जा रहा है।”

वहीं नाबिया खान नाम की यूजर लिखती हैं कि “भारत में आपका स्वागत है, एक ऐसा देश जहां नफरत फैलाने वाले भाषण की अनुमति है, लेकिन नफरत भरे भाषण की रिपोर्टिंग की नहीं”.

ट्वीटर के इस नाम मात्र के एक्शन से ही वामपंथी खेमे के लोगों को इतनी मिर्ची लग गई कि सब के सब एक साथ ट्विटर की कार्रवाई पर सवाल उठाने लगे.

दरअसल खुद को बहुत बड़ी पत्रकार बताने वाली राणा अय्यूब को भारत में उनकी प्रो इस्लाम पत्रकारिता की वजह से देश के हिन्दू अच्छी तरह से वाकिफ हैं. देश के खिलाफ जहरीली मानसिकता और नैरेटिव सेट करने वाले फर्जी खबरों और आतंकियों के समर्थन वाले ट्वीट को लेकर उन्हें आये दिन आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार थोड़े देर के लिए ही सही लेकिन राणा अयूब और उनके अपनों की छटपटाहट सबके सामने आ गयी.

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