आज यूक्रेन से भारत के लिए एक बहुत ही दुखद खबर सामने आयी है. जहां रूस और यूक्रेन के बीच बीच युद्ध की वजह से यूक्रेन में फंसे एक भारतीय छात्र की आज सुबह गोलाबारी की चपेट में आकर मौत हो गई. मारे गए छात्र की पहचान नवीन के रूप में हुई है. जो कर्नाटक का रहने वाला था और  खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी का छात्र था.

छात्र की मौत पर विदेश मंत्रालय ने गहरा शोक जताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करके बताया कि हमें यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि खार्किव में गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई है. मंत्रालय छात्र के परिवार से बातचीत कर रहा है. मंत्रालय के मुताबिक नवीन यूक्रेन के खार्किव में गवर्नर हाउस के पास कुछ और लोगों के साथ खाना लेने के लिए खड़ा था, उसी समय एक मिसाइल हमले में उसकी मौत हो गयी.

इस घटनाक्रम के बाद भारत ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को तलब किया है. इसी कड़ी में यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीयों के लिए एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से आज तत्काल भारतीय कीव छोड़ दें. युद्ध की वजह से हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण वहां कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं जिन्हें किसी भी हालत में भारत सरकार रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी यूक्रेन की सीमा चौकियों के जरिए बाहर निकाल रही है.

जहां एक तरफ भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों तक को लगाया गया है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर अपनी मौकापरस्त सियासत को दोहराया है, यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर दुख जताया तो लगे हाथों भारत सरकार की भारतीयों को अपने देश लाने की तमाम कोशिशों पर भी सवाल खड़ा कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा कि , “यूक्रेन में एक भारतीय छात्र नवीन के अपनी जान गंवाने की दुखद खबर मिली। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। मैं दोहराता हूं कि भारत सरकार को सुरक्षित निकासी के लिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता है। हर मिनट कीमती है।“.

राहुल गांधी के इस ट्वीट से मानो ऐसा लग रहा है जैसे भारत सरकार के लिए किसी की जान की कोई कीमत ही नहीं है और ना ही भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने देश के नागरिकों को वापस भारत लाने के लिए ही कुछ कर रही है ?

लेकिन यहां राहुल गांधी जी आपको बता दें भारत सरकार हर मिनट हर पल घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. किसी भी कीमत पर यूक्रेन में फंसे भारतीयों को अपने देश लाना सरकार की सबसे बड़ी और पहली प्राथमिकता है. इसके लिए सरकार ने अपने इस मिशन पर एयरफोर्स को भी साथ आने को कहा है। इस फैसले का मकसद यही है कि सभी भारतीय नागरिक सही सलामत अपने देश अपने परिवार वालों के पास लौट आएं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय वायु सेना आज से ऑपरेशन गंगा में कई सी -17 विमान तैनात कर सकती है।

 

 

 

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