बात बात पर देश में असहिष्णुता और किसी भी तरह के सामजिक विभेद की बात करने वाले तमाम उन आडम्बरवादियों जिन्होंने मानवाधिकार हनन के नाम पर हमेशा ही भारत सरकार , देश की फ़ौज , अर्ध सैनिकबलों और पुलिस को निशाने पर लेते रहते हैं ,उन्हें कटघरे में खड़ा करते रहते हैं उन सबके लिए पूरे विश्व समुदाय से एक सीधा स्पष्ट सन्देश आया है -एक सबक सरीखा।

भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया गया है जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् के सदस्य होंगे। ज्ञात हो कि यही संस्था और इस पर पदस्थापित लोगों का समूह ही पूरे विश्व में मानवाधिकारों के सारे मामलों को देखता और निगरानी रखता है। अब जाहिर सी बात है जिन देशों का अपना रिकॉर्ड मानवाधिकार के मामले में उत्कृष्ट होता है उन्हें ही इसके लिए चयनित किया जाता है।

दूसरी अहम् बात ये भी है कि , भारत को एक दो नहीं बल्कि ये छठी बार के कार्यकाल के लिए चयनित किया गया है। भारत का यह कार्यकाल अगले दो वर्ष यानि वर्ष 2022 -2024 तक के लिए होगा।

भारत ने इसके लिए अपने साथ चयनित देशों को बधाई और भारत पर विश्वास जताने के लिए अन्य सभी देशों का आभार जताया है। ज्ञात हो कि भारत के पडोसी चीन पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों देशों का नाम मानवाधिकार हनन करने के लिए जाने जाने वाले देशों की सूची में शामिल है।

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