सियासत और चुनाव ये दो ऐसी चीजे हैं जो कब क्या करवा दे कहना मुश्किल है, यकीन मानिए पीछे के पन्नों को पलटेंगे तो आपको इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे, कभी दोस्त को दुश्मन बना दें तो कभी जानी दुश्मन को भी गले लगा ले, यही तो होता है चुनाव के दौरान. दरअसल चुनाव आते ही ये सब दिखना थोड़ी आम बात हो जाती है.

अब केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को ही ले लीजिए जिन्हें यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है । ये वहीं बघेल हैं जो कभी सपा के पूर्व सदस्य और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव के करीबी थे। ये बीजेपी की बड़ी ही सोची समझी रणनीति है जिसके तहत बघेल को बीजेपी ने उतारा है , क्योंकि बघेल अखिलेश यादव के हर चाल हर रणनीति से बड़ी ही अच्छी तरह से वाकिफ हैं । कानून और न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा से मौजूदा सांसद भी हैं। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में वो राज्य के पूर्वी हिस्से के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जहां से अखिलेश यादव भी अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

दरअसल जब अखिलेश यादव नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि, ”करहल से जो भी बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुना जाएगा वह हार जाएगा।” देखा जाए तो, उनका यह बयान कहीं न कहीं उनके डर को दिखाता है. वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव पर बोलते हुए एसपी बघेल ने कहा, उन्हें खुशी है कि पार्टी ने उन्हें अखिलेश यादव के खिलाफ चुना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एसपी सिंह बघेल को आखिरी समय में बीजेपी ने अखिलेश के खिलाफ मैदान में उतारकर मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है . बघेल ने कहा, “चुनावों में Surprise element होना बहुत जरूरी है।”

उत्तर प्रदेश पुलिस में पूर्व पुलिस अधिकारी रहे बघेल मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा टीम में थे। यह मुलायम ही थे, जिन्होंने साल 1989 में बघेल को अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन वो उस समय आगामी चुनाव में भी हार गए। इधर जैसे ही मुलायम के सियासी समीकरण बदले, बघेल पहले मायावती की BSP और फिर बीजेपी में शामिल हो गए। फिर साल 2019 में उन्होंने आगरा से लोकसभा चुनाव जीता और पीएम मोदी ने पिछले साल कैबिनेट सुधार के दौरान उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया।

बता दें आपको करहल विधानसभा में 40 प्रतिशत यादव मतदाता हैं, और बीजेपी का कहना है कि हम जात पात से उठकर चुनाव लड़ते हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन्होंने योगी जी और मोदी जी की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लिया है. यहां पर उनकी एक बड़ी संख्या रहा है, जो शोषित हुए हैं. पीड़ित रहे हैं. अपमान हुआ है. सूचियां देकर उनकी नौकरियां रोकने का प्रयास किया गया है. उनकी जमीनों पर कब्जा किया गया है. लंबी फेहरिस्त है. वो सभी लोग वोट की चोट से करहल विधानसभा में समाजवादी पार्टी को हराएंगे. जाहिर है इस समीकरण को देखते हुए अखिलेश की राह उतनी आसान नहीं दिख रही है ।

 

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