राष्ट्रगान का अपमान करना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इतना महँगा पड़ सकता है इसका अनुमान शायद उन्हें नहीं था।  वैसे भी आजकल राष्ट्रगान का , भारत माता  की तस्वीर का और राष्ट्रीय अस्मिता से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात का तिरस्कार , उपेक्षा करने की प्रवृत्ति ,  इस देश के कुछ लोगों और विरोधी दलों में ज्यादा ही बढ़ती जा रही है।

हाल ही में मुंबई की दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा ममता बनर्जी के विरुद्ध जानबूझ कर राष्ट्रगान को बीच में रोककर उसका अपमान किए जाने का प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध मान कर उन्हें अदालत में हाज़िर होने का फरमान जारी कर दिया है।

असल में भाजपा की स्थानीय इकाई के पदाधिकारी द्वारा , मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कुछ दिनों पूर्व उनके एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान को  जानबूझ कर बीच में रोकने की घटना को भारतीय राष्ट्रगान सम्मान अधिनियम की अवहेलना की।

 महानगर दंडाधिकारी ने याचिका पर विचार करते हुए बहुत ही गंभीर टिप्पणी ये भी की कि , बतौर किसी प्रदेश की मुख्यमंत्री जैसे उच्च संवैधानिक और जिम्मेदार पद पर कर्तव्य निर्वहन की अपेक्षा अधिक होती है और ऐसे में किसी व्यक्ति का जानबूझ कर राष्ट्रगान का अपमान एक ऐसा संज्ञेय अपराध है जिसकी विवेचना और स्पष्टीकरण के लिए किसी की भी पूर्व अनुमति तक की आवश्यकता नहीं है।

अदालत ने ममता बनर्जी को , अगले महीने की 3 तारिख , ३ मार्च २०२२ को अगली सुनवाई के लिए निश्चित किया है।

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