जब विवेक अग्निहोत्री कश्मीर नरसंहार पर बनी अपनी फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” लेकर आए तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये फिल्म पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित होगा. इस फिल्म ने एक ऐसे अभियान की नींव डाली जिसपर आगे बढ़ते हुए भारतीय इतिहास के स्याह पन्नों के अंदर दबे कई ऐसी भयानक सच्चाई सामने आई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. जिसके बाद केरला स्टोरी आई और अब इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है अजमेर 92 का.
दरअसल सच्ची घटनाओं पर आधारित ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ की सफलता के बाद ‘अजमेर 92’ फिल्म 14 जुलाई, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। लेकिन उससे पहले ही फिल्म को बैन करने की मांग शुरू हो गई है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ‘अजमेर 92’ फिल्म पर बैन लगाने की माँग की है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुताबिक यह फिल्म दरगाह अजमेर शरीफ को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसलिए इस पर तत्काल बैन लगाया जाना चाहिए.
दरअसल 90 के दशक में देश के सबसे बड़े सेक्स कांड को राजस्थान के अजमेर में अंजाम दिया गया था। इसी घटना पर फिल्म ‘अजमेर 92’ बनी है लेकिन मुस्लिम संगठन लगातार इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी का कहना है कि इस फिल्म के जरिए एक खास समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की गई है। अगर फिल्म से अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश हुई तो वे फिल्म बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। वहीं इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन के मुखिया शोएब जमाई ने भी ट्वीट कर कहा है कि सिनेमाघरों में रिलीज से पहले फिल्म दरगाह कमेटी को दिखायी जाए।
अजमेर दरगाह कमिटी के सदर सैय्यद गुलाम किब्रिया , और जनरल सेक्रेटरी सरवर चिसती साहब सहित खुद्दाम कमिटी से मशविरा करने के बाद हम ये आधिकारिक घोषना करते हैं कि फिल्म "#अजमेर_92 " शहर में घटित एक आपराधिक घटना जिसमें (भरोसा कलर लैब) के #महेश लुडानी और डॉक्टर #जयपाल की प्रमुख भूमिका… pic.twitter.com/e5SBs9mISL
— Dr. Shoaib Jamai (@shoaibJamei) June 7, 2023
बता दें आपको 1990 के दशक के शुरूआत में कांग्रेस का शासन देश के अधिकतम राज्यों में था, तो उसमें से एक राजस्थान भी था। 1992 में एक ऐसी घटना उभर कर सामने आई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, जिससे आज भी कई लोग अंजान हैं। अजमेर कांड में सैकड़ों युवा लड़कियों को निशाना बनाया गया, उनके साथ अजमेर दरगाह के चिश्ती बन्धुओं ने लम्बे समय तक बलात्कार किया। और यह तब तक चला, जब तक एक स्थानीय अखबार ‘नवज्योति’ ने कुछ नग्न तस्वीरें और एक कहानी प्रकाशित न कर दी, जिसमें स्कूली छात्रों को स्थानीय गिरोहों द्वारा ब्लैकमेल किए जाने की बात कही गई थी.
जाहिर है जो लोग कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी की सच्चाई देखने के बाद अब तक उबर नहीं पाए हैं अजमेर 92 देखने के बाद को उनकी रातों की नींद उड़ जाएगी.
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