सामूहिक धर्मांतरण (Mass Conversion) के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार काफी सख्त हो गई है. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में पुलिस 10 साल तक की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रवाधान करने की तैयारी कर रही है. राज्य सरकार (Uttarakhand Government) ने उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम-2018 को सख्त बनाने की बात पिछले दिनों पुलिस से कही थी. मौजूदा कानून में मास कनवर्जन में किसी भी सजा और जुर्माने का प्रावधान नहीं है. इसीलिए इस कानून को सख्त बनाने पर विचार किया जा रहा है.

हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Dhami) ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान उत्तराखंड में धर्मांतरण को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को मजबूत बनाने के लिए प्रस्ताव दिए जाने के निर्देश दिए थे. अब पुलिस  मुख्यालय ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है.  इस मामले पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण विरोधी अधिनियम की तर्ज पर कुछ नए प्रावधानों का सुझाव दिया गया है. सीएम धामी ने पुलिस मुख्यालय से सरकार को कुछ प्रस्ताव भेजने (Police Proposal) को कहा था.

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