दिन रात अपनी नोटिफिकेशन से , कभी व्हॉट्सग्रुप संदेशों से , सुबह शाम की गुड मॉर्निंग और गुड नाईट से सबको परेशान करके रख देने वाला व्हाट्सअप को शनि की साढ़े साति लग गई है। लोगबाग उसको अपने मोबाइल से या तो धक्के देकर बेदखल करने में लगे हुए हैं फिर उसके ठीक बगल में नए नए एप्प इंस्टाल कर लगा कर उसको मुँह चिढ़ाने में लगे हैं।

जुकरू भैया जो फेसबुक से अपनी दुकानदारी शुरू किये रहे ,कारोबार बढ़ाने के लिए इंस्टाग्राम और व्हाट्सअप को भी अपनी दुकान में मिला कर उसे दिन दूना रात चौगुना बढ़ाने के व्यापार पर लगे ही थे कि उनकी गिरहकटी पकड़ी गई। सबकी निजी जानकारियां , बिना किसी को पूछे ,बिना किसी को बताए , अपने जैसे ही दूसरे धंधेबाजों को रेवड़ियों को बाँट कर ,बैक डोर से मुनाफामारी करने की सारी पोल पट्टी खुल गई।

बस फिर क्या था लोगों ने रातों वही हाल किया जो इन दिनों पब्लिक के मूड में रहता है। या बेटा रेल में , या बेटा जेल में। बेचारे हरे भरे भास्सप अंकल जी पर लोगों ने दोनों तरफ से बमबारी कर दी। एक तो उनकी सारी कलई और काली करतूत से काली कमाई करने का भाँडा फोड़ दिया और लगे हाथों ये भी बता जता दिया , हम चले अब दूसरी ओर।

बस फिर क्या था , सुबह से सबको स्टेटस लगा कर लगा बता रहे हैं कि , देखो भईया जी दीदी जी माता जी काका जी -भासस्सप कतई अनपढ़ है , एकदम अँगूठा छाप , आप जो ये बतकुच्चन करते हो न , ये जो गुंडी गुंडी बातें चाटें (chat ) करते हो न , ओला हू ऊबर की कसम , हम नई पढ़ते जी। कतई नहीं झांकते , देखते। बिलकुल आँखकान मूँद कर बैठे हैं।

इसलिए हे उपयोगकर्ताओं , हम ये स्टेटस वाला अर्जेंटी वाला Telegram करके आपसे यही इल्तज़ा , यही आग्रह , यही मनुहार लगा रहे हैं कि हमारा Signal ऐसे न गिराओ जी। अलग से अखबार समाचार में भी विज्ञापन देना पड़ रहा है कि मई जून तक तो कुछ भी न बदलने के , वो जो फरवरी में हमने अपनी पुलिसी (policy ) में बदलाव की बात कही थी , उससे भी हमारी तौबा तौबा जी। बिचाडे जुकरू भईया जी अब कैसे कहें -भईया जी इश्माइल ,दैया रे।

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