खून से लथपथ हो रहा धरती का स्वर्ग, सरकारें अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करे
देश की आजादी के बाद सबसे ज्यादा शोषित, पीड़ित होने का दंश अगर किसी ने खेला है तो वो कश्मीर की धरती ने झेला है चाहे 1961 का युद्ध हो, 1999 का कारगिल युद्ध, कश्मीर हमेशा तलवार की नोक पर रहा, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में कुछ भी घटना हुई, सबसे पहले पाबंद किया कश्मीर को, देश की राजधानी दिल्ली में कुछ भी हुआ, पाबंद किया कश्मीर को…. जनवरी 1990 की घटना बड़े पैमाने में थी इसलिए जिक्र ज्यादा होता है पर आजादी से अब तक धरती के स्वर्ग को जिंदा रखने के लिए है हर महीने औसतन दो दर्जन हिंदुस्तानियों की बलि ली है जिस पर आज बात करने का समय है क्योंकि आज बात अलग है आज की राजनीतिक व्यवस्था अलग है आज धारा 370 के नाम पर पीठ थपथपाने का काम हो रहा है धारा 35A के नाम पर वाहवाही लूटने का काम हो रहा है आज जम्मू और कश्मीर को अलग अलग कर एक को प्रदेश और एक को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर शांति और अमन चैन कायम करने का दावा करने वालों ने अपनी पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी… पर सच और सच्चाई वो जाने जिसने इन सबके पीछे अपनों को खोया या अपनी जान गंवाई ।
एक एक व्यक्ति को नाम पूछकर कर रहे टारगेट
कल देर शाम कश्मीर में एक बैंककर्मी की हत्या कर दी जाती है जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने गुरुवार को बैंक कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने इसकी जिम्मेदारी ली है. इतना ही नहीं KFF ने पत्र जारी कर चेतावनी भी दी है. आतंकी संगठन ने कहा, जो भी कश्मीर के डेमोग्राफिक बदलाव में शामिल होगा, उसका यही अंजाम होगा. आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने पत्र जारी कर कहा कि ”कुलगाम में हमारे कैडर ने खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसमें एक बैंक कर्मी विजय कुमार की मौत हो गई. कश्मीर के डेमोग्राफिक बदलाव में जो भी शामिल होगा, उसके साथ यही अंजाम होगा”.
बाहरी लोगों को दी गई धमकी
पत्र में आगे लिखा है, ”जो भी बाहरी लोग इस धोखे में रह रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उन्हें यहां स्थायी कर देगी, उनके लिए ये आंख खोलने वाला है. अब बाहरी लोगों को वास्तविकता समझ लेनी चाहिए कि उन्हें इसके लिए जान भी गंवानी पड़ेगी. सोचिए, कहीं देर न हो दाए और अगली बारी तुम्हारी हो”…
कश्मीर में बढ़ीं टारगेट किलिंग की घटनाएं
कश्मीर में इन दिनों टारगेट किलिंग की घटनाओं में इजाफा हुआ है. गुरुवार को आतंकियों ने कुलगाम के मोहनपोरा में इलाकी देहाती बैंक मे तैनात विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी. इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने कुलगाम में ही एक हिंदू टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मई में बडगाम में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में घुसकर हत्या कर दी थी. राहुल भट्ट तहसील में कार्यरत थे. कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं को आतंकी निशाना बना रहे हैं. बीते कुछ दिनों से टारगेट किलिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. आतंकी रोजाना 2-4 कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं को अपना निशाना बनाकर डराने की कोशिश कर रहे हैं. आज भी उन्होंने कुलगाम जिले में हनुमानगढ़ राजस्थान के रहने वाले विजय कुमार की बैंक में घुसकर हत्या कर दी. टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद अब सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कश्मीरी पंडित और अन्य हिंदू कर्मचारी वहां से पलायन करने लगे हैं. बीते कुछ दिनों से कश्मीर में आतंकी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में काम कर रहे अन्य हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. ये घटनाएं ऐसे समय में बढ़ रही हैं, जबकि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन किया है, जिससे निर्वाचन क्षेत्रों में बदलाव हुआ है और कश्मीरी पंडितों के लिए भी दो सीटें विधानसभा निर्वाचन के लिए रिजर्व भी की गई हैं.
जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों बढ़ी टारगेट किलिंग्स
(Kashmir target killings) की घटना पर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। शिक्षकों, सरपंचों और कश्मीरी पंडितों की हत्या से कश्मीर घाटी के लोगों में डर का माहौल बन गया है। बड़ी बात ये कि आतंकी इस बार बाहरी राज्यों से आए लोगों को भी निशाना बना रहे हैं, जो कि सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया है। कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बीते कुछ दिनों में बढ़ी टारगेट किलिंग्स की घटनाओं को रोकने के लिए एजेंसियां एक पुख्ता प्लान बनाने में जुटी हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने टारगेट किलिंग्स की इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है 2016 की हिंसा के मुश्किल वक्त से कश्मीर घाटी के लोगों को बाहर निकालने वाले एसपी वैद अपने अनुभवों से कई बातें बताते हैं। उनका कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि 2016-2017 के वक्त आतंकी जिस तरह पुलिसवालों की लिस्ट बनाकर उनकी हत्या कर रहे थे, सिविलियंस के लिए भी ऐसी ही लिस्ट बनाई गई है। गुरुवार को नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को दिए एक खास इंटरव्यू में एसपी वैद ने कहा कि जब वह जम्मू-कश्मीर के डीजीपी थे तो आतंकी पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदातें करते थे। हमारी जांच में यह सामने आया था कि आतंकियों ने इसके लिए टारगेट्स की पूरी लिस्ट बनाई थी, जिसके अनुसार पुलिसवालों पर हमले हुए। ऐसा हो सकता है कि इस बार नागरिकों के लिए ऐसी लिस्ट बनी हो।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद का बयान
2016 से 2018 के मेरे वक्त में कश्मीर में पुलिसकर्मियों की हत्या की घटनाएं बढ़ी थीं। हमें लगता है कि आतंकी ऐसी एक लिस्ट बनाकर पूरी प्लानिंग के तहत वारदातों को अंजाम देते हैं। स्थानीय लोगों और सरकारी कर्मियों पर हो रहे हमलों में भी ऐसा हो सकता है कि आतंकियों ने फिर टारगेट्स की लिस्ट बनाई हो। ऐसे टारगेट्स को पहचानना होगा और हमारी पुलिस लोकल लेवल पर ऐसी सूचनाएं जुटा लेती है। ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पोस्ट करना होगा। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट की कार्रवाई तेज करनी होगी।
स्थानीय लोगों से मिल रही है मदद?
एसपी वैद ने कहा कि कश्मीर में इस बार सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे वक्त में पुलिसकर्मियों पर ऐसे ही टारगेट अटैक्स होते थे। आतंकियों ने इसकी लिस्ट बनाई थी। इस बार सरकारी कर्मियों के लिए ऐसी लिस्ट बनी हो सकती है। इस लिस्ट में सरकारी कर्मचारियों के नाम, उनके पते, पोस्टिंग की जगह, उनकी पोजिशन सब मौजूद होती है। लिस्ट बनाने में कश्मीर के ही आम लोग आतंकियों की मदद करते हैं। मदद करने वाले वो लोग होते हैं, जिन्हें आतंकी संगठन कट्टरपंथी बनाकर उनका माइंड वॉश करें।
‘हताश पाकिस्तान ने फिर रची साजिश’
घाटी से लोगों के पलायन पर एसपी वैद ने कहा कि कश्मीर में बढ़ी घटनाओं से लोगों में डर का माहौल तो है। ये बात जरूर है कि मजदूरों और बाहरी लोगों में ऐसी घटनाओं से पैनिक बना है और शायद इसीलिए लोग लौट भी रहे हैं। आतंकी टारगेट किलिंग्स को इसी उद्देश्य से अंजाम भी देना चाहते हैं कि लोगों में डर हो। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि पाकिस्तान और आईएसआई कश्मीर में आर्टिकल 370 के अंत के बाद आतंकवाद में आई कमी और हिंसा पर रोक से हताश हो गए हैं। कश्मीर में इसी कारण आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन हमारी पुलिस और सेना इन तत्वों का मुकाबला करने में सक्षम है।
टारगेट किलिंग्स रोकने का सलूशन क्या ?
घाटी में बढ़ी टारगेट किलिंग्स को रोकने के लिए पूर्व डीजीपी एसपी वैद फिर से एक बड़े अभियान को शुरू करने की वकालत करते हैं। एसपी वैद कहते हैं कि कश्मीर में उन लोगों की पहचान करनी होगी जिनपर आतंकी टारगेट करके हमला कर सकते हैं। ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना होगा। इसके लिए उस लिस्ट का पता लगाना जरूरी है। इसके अलावा उन लोगों की पहचान करके ऐक्शन करने होंगे, जो कि आतंकियों के मददगार हैं। एक सधी स्ट्रैटजी के तहत कश्मीर में एक बार फिर ऑपरेशन ऑल आउट को तेज करना होगा, जिससे कि आतंकी तंजीमों का फिर जड़ से खात्मा हो सके।
रोकने में नाकाम हो तो बंद करे सरंक्षण का ढोंग
आज जिस प्रकार से छोटे छोटे दल बनाकर आंतकवादी संगठन खुलेआम आम निर्दोष लोगो को मार रहे है इसे एक बार फिर पलायन बढ़ रहा है पूरे विश्व में कश्मीर को लेकर एक बार भी हवा गलत चल पड़ी है पुनर्वासन के नाम पर नौकरी देने और रहने की व्यवस्था के नाम पर इस तरह से आम निर्दोष लोगो की नरबलि नही दी जा सकती, सरकारों को आगे आना होगा, जवाबदेही तय करनी होगी, आज का पलायन नहीं रुका तो ये खूनी दाग सदियों सदियों तक नही मिटेगा और कश्मीर के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकानें भी बंद हो जाएगी, कहीं ये सिद्ध ना हो कि कश्मीर को राजनीतिक रोटियां सेकने के काम ही लिया हर पार्टी ने, इसलिए अब कश्मीरी पंडितों व प्रत्येक नागरिकों के हक और अधिकार के लिए आगे आना होगा ।
सम्पत सारस्वत बामनवाली
समीक्षक, प्रसार भारती दिल्ली
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