उत्तर प्रदेश के देवबंद में जिस तरह से कट्टरपंथ की विचारधारा को पाला पोसा जाता है उसे लेकर योगी आदित्यनाथ ने देवबंद में कमांडो एटीएस सेंटर खोलने जैसा शासक निर्णय लिया है। दरअसल देवबंद में एटीएस सेंटर खोलना योगी आदित्यनाथ की निजी और प्रबल इच्छाशक्ति का परिणाम है। काम भी और लगाम भी नारे के साथ ही होगी आदित्यनाथ ने यह संदेश दिया है कि शामली मुजफ्फरनगर सहारनपुर कैराना देवबंद में बसे हैं उन तमाम कट्टरपंथी सोच वाले लोगों को अपनी उस साजिश पर लगाम लगा लेनी चाहिए क्योंकि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है।

दारूल उलूम देवबंद इस्लामी शिक्षा के लिए दुनियाभर में मशहूर है। पर अफसोस, कई आतंकी घटनाओं ने इस देवबंद पर बदनुमा धब्बा लगा दिया। आतंकी हाफिज सईद और बगदादी का नाम देवबंद से जुड़ा। पुलवामा हमले के दो साजिशकर्ता भी यहीं से पकड़े गए। देशभर में कई जगह जो आतंकी पकड़े गए, उनमें कई ने देवबंद में पनाह ली। इन्हीं आतंकी जड़ों को कमजोर करने के लिए योगी सरकार यूपी के देवबंद में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर खोलने जा रही है।

22 फरवरी 2019 को देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक पकड़े गए। दोनों को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले की पहले से खबर थी। एनआईए या एटीएस के हाथों पूर्व में पकड़े गए आतंकी मोहम्मद सुहेल, अब्दुल्ला अल मामून, रजाउल रहमान, इमरान, रजीमुद्दीन, मोहम्मद फिरदौस भी देवबंद में पनाह ले चुके हैं। ज्यादातर आतंकी दीनी तालीम के बहाने देवबंद में रहे और दहशतगर्द तैयार करते रहे। 14 मई 2019 को कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले शामली के दो भाई भी देवबंद में काफी दिनों तक रुके थे। नवंबर-2020 में दिल्ली में जैश के दो आतंकी पकड़े गए। इनके मोबाइल में एक व्हाटसएप ग्रुप मिला, जिसमें देवबंद का शख्स जुड़ा हुआ था।
देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर के लिए दो हजार वर्गमीटर जमीन आरक्षित की गई है। नोएडा में इसी तरह का सेंटर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक बनेगा। नोएडा, मेरठ और सहारनपुर में पहले से एटीएस की एक-एक यूनिट मौजूद है। इस तरह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एटीएस की पकड़ मजबूत होगी। देवबंद और नोएडा के सेंटर में करीब 20-20 तेज तर्रार कमांडो और अफसरों की तैनाती की जाएगी।

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