इस देश की बर्बादी का कारण अक्सर लोग राजनीति को देते हैं लेकिन सही बताएं तो इस देश असल बरबादी का कारण ई टीवी और सनिमा है! आज हम आप लोगों को बताएंगे कि ई लोग ट्रेनिंग कैसे देते हैं, जैसे आपको सीखना है की नेता बन कर देश को कैसे लूटना है, नशा कैसे करना है, बैंक कैसे लूटना है, मार्निंग वाक पर हत्या कैसे करनी है, दारू पी कर लड़की कैसे उठानी है, कैसे स्मगलिंग करनी है इन सब का आइडिया आपको वहां मिल जाएगा। इन्होंने अइसी ट्रेनिंग दी है की क्या बताया जाय… अब देखिए इनकी लीला… जो राजनीति में जो भी है वो चोर हैं मतलब “नेता=चोर/गुंडा/भ्रष्टाचारी/हत्यारा/स्मगलर” बस समझिए की The End की जगह Hence Proved लिखना भूल जाते हैं… इन्ही सब के चक्कर में तो लोग कहते हैं की इन नेताओं की सब्सिडी ओब्सिडी मत दो… और नही तो सैलरी भी बन्द कर दो… अरे महाराज थोड़ा सोचिए की (वैसे तो ई नेक्स्ट टू इंपासिबल है) लेकिन हो सकता है कोई गलती से ही सही लेकिन अच्छा और निर्धन आदमी नेता बन जाय तो उ बेचारा का करेगा कैसे जनता की सेवा करेगा… चलिए छोड़िए इसको अब थोड़ा जाति की बात की जाय… इस समाज को कौन बताया की पंडित मने जातिवादी और ठाकुर मने बलात्कारी! आप ए गो मजे की बात देखिए करण अर्जुन फिलिम आप सबने देखी होगी ओमें अमरीश पुरी एक निष्ठुर ठाकुर था ई बता दिए! लेकिन सलमान खान कौन जात का था ई नहीं बताए, मने उ जनेऊधारी ब्राह्मण भी तो हो सकता था, जिसको ठाकुरा प्रताड़ित कर रहा था लेकिन नही उ नहीं करेंगे क्योंकि मज़ा नहीं आएगा और समाज में केमिकल रिएक्शन नहीं होगा… हम बताते हैं काहें नहीं बताया की कौन जात के थे कारण अर्जुन! उनको ये पंडित जी बता देते तो ये फिलिम सवर्णों की आपस की लड़ाई की हो जाती बाकियों का इंटरेस्ट खतम हो जाता और कहीं गलती से उनको हरिजन बता देते तो लास्ट में हरिजन ठाकुर को निपटा देता तो हरिजन की वो दलित समाज की छवि खराब हो जाती लेकिन छोड़िए ई सब तमासा करेंगे तो फिलिम का रस निकल जाएगा.. अब आते हैं नशा पर इसके बारे में आपको जानना है तो आप फिलिम में देखिए की कइसे नशा करना है, पटियाला पैग का होता है, चरस मार के कउन सा गाना बजाना है (दम मारो दम और मनाली ट्रांस टाइप), पाउडर वाली लाइन खींच के… फिर सर ऊपर उठा के लड़कियों के सामने स्टाइल कैसे मारना है ई सब सनिमा का खेल है… और सुनिए इस नशे के सामान को लाना कैसे है इसका तरीका भी यही बताते हैं की कैसे रात को समुंदर के रास्ते ड्रग्स कैसे लानी है और टार्च मार कर कैसे बताना है की हम माल ले आये और कोई बीच में पुलिस वाला आ गया तो डरना वरना नहीं है उसको गोली भी मार देनी है… जो पुलिस वाला पैसे लेता है वो मस्त जिंदगी जीता है भले वो लास्ट में एक दो गोली में मर जाय लेकिन जो ईमानदार है उसका खानदान बिलें निपटा देता है उसकी हर तरफ से मार लेता है उसे कहैं नहीं छोड़ता! अब थोड़ा सा टीवी पर आते हैं… कोई न्यूज चैनल पर न्यूज की जगह उछल कूद दिखा रहा है तो कोई कामेडी के नाम पर देवी देवताओं का मज़ाक बना रहा है और गलती से देवी देवताओँ को बकस दिया तो ससुरा डुअल मीनिंग वाला मज़ाक करेगा… मने और किसी चीज़ इस देश के लोगों का मनोरंजन नहीं होगा… सही बताएं तो इन्ही सब को देख उ रामाधीर सिंह का डाईलाग याद आ जाता है “इस देश में जब तक सनिमा है तब तक लोग चु*** बनते रहेंगे…” अब देखिए हमहू को ई वाला डाइलाग पसन्द आया क्योंकि इसमें चु** बनते रहेंगे आया है…..
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