भारत के एक राज्य में ‘हिजाब’ पर प्रतिबंध का निर्णय आने पर मुसलमान अस्थिरता फैला रहे हैं । हिजाब का निमित्त कर हिन्दुत्व की अपकीर्ति कर रहे हैं । आनेवाले समय में तो पूर्ण भारत में हिजाब पर प्रतिबंध लगने वाला है । तब वे क्या करनेवाले हैं ? हिजाब के प्रतिबंध को हमारा पूर्ण समर्थन है । फ्रान्स, जर्मनी, डेनमार्क, चीन, श्रीलंका आदि अनेक देशों में हिजाब-बुरखा पूर्णत: प्रतिबंधित है । वहां आंदोलन करने पर उलटा लटकाकर मारते हैं, उन स्थानों पर जाकर आंदोलन कर के दिखाएं, ऐसी चुनौती तेलंगाना के भाजपा के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक श्री. टी. राजा सिंह ने दी है । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘पहले हिजाब, फिर पूरी किताब ?’ इस ऑनलाइन विशेष संवाद में बोल रहे थे ।
इस समय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 30 के अनुसार संबंधित धर्म की सीख में बताए अनुसार विद्यार्थी विद्यालय, गुरुकुल में अपने धर्मानुसार शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं; परंतु संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार विद्यालयों का कारोबार, नियम धर्मनिरपेक्षता के तत्त्वानुसार होते हैं । अतः सभी धर्मों के विद्यार्थियों को उनका पालन करना ही पडेगा । ऐसे स्थान पर मुसलमान छात्राओं की हिजाब की मांग क्यों ? आज हिजाब, भविष्य में वे विद्यालयों में नमाज सहित अनेक मांगे करेंगे । संविधान का अनुच्छेद 25 नागरिकों को उनके धर्म का पालन करने का अधिकार देता है तथा केंद्र और राज्य सरकारों को यह अधिकार भी देता है कि जो अधर्म, अनीति, कुप्रथा आदि का अनुकरण करते हैं, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है, यह ध्यान में रखना चाहिए ।
इस समय हरियाणा की विवेकानंद कार्य समिति के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री ने कहा कि, जिन मुसलमान लडकियों को पहले हिजाब अनिवार्य नहीं लगता था । आज उन्हें हिजाब पुस्तकों की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण लगने लगा है । हिजाब का विषय कभी नहीं था, वह निर्माण किया गया है । पहले धर्मांध सडक पर गुंडागर्दी करते थे । अब इसके साथ ही वे कुछ प्रसार माध्यमों को साथ लेकर ‘हिजाब’ का विषय लादने का प्रयत्न कर रहे हैं । इस देश में हिजाब की मांग लादने के उपरांत आगे चलकर मुसलमान ‘कुरान’ में बताई गई बातों के अनुसार अन्य मांगें भी लादने का प्रयत्न करेंगे । न्यायालय कोे भी विचार कर निर्णय देने चाहिए । हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा कि, कर्नाटक राज्य में विद्यालय के नियम और न्यायालय के आदेश के अनुसार हिन्दू छात्र और छात्राएं गणवेश धारण कर विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं; परंतु मुसलमान छात्राएं अभी भी हिजाब पहनकर विद्यालयों में आ रही हैं । हिजाब का विरोध करनेवालों को मार डालने की धमकियां दी जा रही हैं । हिजाब का कारण बनाकर भारत को ‘इस्लामिक राष्ट्र’ बनाने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र निष्फल करना चाहिए ।
श्री. रमेश शिंदे,
राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
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