बैल की पूंछ
एक युवा आदमी राज्य मंत्री की बेटी के साथ शादी करना चाहता था। एक दिन वह साहसपूर्वक अपनी इच्छाओं को बताने के लिए मंत्री के पास गया।
मंत्री ने एक नजर से उसे. नाप लीया और कहा, ‘बेटा, मेरी एक शर्त है। मैं अपनी बेटी से उसकी शादी करूंगा जो मेरी परीक्षा मे उत्तीर्ण हो। आप उस उस खुल्ली जमीन के सामने खड़े हो जाओ। मैं तीन बैल छोड़ दूंगा। यदि आप इनमें से किसी की पूंछ पकड़ सकते हैं, तो मेरी बेटी आपसे शादी करेगी।
जवान आदमी जमीन पर जा कर खड़ा हो गया । थोड़ी देर के बाद, एक भारी और जंगली बैल ने मैदान में प्रवेश किया। युवक को पहले कभी ऐसा बैल नहीं मिला था। उसने फैसला किया कि वह उस बैल की पूंछ को पकड़ने के लिए बेहतर होगा जो इस शर्त में दुसरा आता है। तो वह बाजु में खिसक कर चला गया और जंगली बैल को जाने दीया।।
थोड़ी देर बाद, एक और बैल ने मैदान में प्रवेश किया। यह बैल इससे पहले बैल से भी ज्यादा महाकाय और भयंकर था।दुसरा बैल छींकोटा डालते और डरावनी आवाज निकालते बड़ी तेजी से आ रहा था। अब युवक ने सोचा तीसरा बैल जैसा भी हो इसीसे तो अच्छा ही होगा उसकी पूंछ पकडूँगा पर इसकी तो नहीं ऐसा सोचके बैल को जाने दिया ।
थोड़ी देर के बाद, तीसरा बैल ने मैदान में प्रवेश किया। तीसरे बैल को देखते हुए, जवान आदमी खुशी से ज़ूम उठा । बैल पूरी तरह से कमजोर था। ऐसा कृशकाय बैल कभी देखा नहीं था। बैल उसके सामने आने के बाद दौड़ना शुरू कर दिया। बिल्कुल सही पल में, जवान आदमी कूद गया और बैल की पूंछ पकड़ने की कोशिश की। हे, यह क्या है? बैल को तो पूछ ही नहीं थी ! युवा व्यक्ति के हाथ में पूछ नहीं आई और मंत्रीपुत्री से शादी करने का सपना पूरा नहीं हुआ ।
कहानी का सार
जी नहीं। कहानी का सार मैं आपको नहीं बताऊंगा। आप स्वयं निकालें। क्योकि जिंदगी में सबके लक्ष्य अलग अलग है, सबके बैल भी अलग है, तो फिर अपने काम की पूंछ आप स्वयं खोजिए और पकड़िए। ??
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