देश में कोरोना संकट के समय जहां सभी मिलजुल कर कंधे से कंधे मिलाकर इस कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं हमारे देश के विपक्षी दलों के पास सरकार और सरकारी की नीतियों पर सवाल खड़ा करने के अलावा कोई और काम नहीं है. जाहिर है किसी न किसी तरह से चर्चा में जो बने रहना है , नहीं तो जनता आने वाले चुनावों में कैसे पहचानेगी , कुछ यही हाल इन दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का है.
कभी टीकाकरण अभियान के इंतजामों को लेकर सवाल, तो कभी गरीबों को मुफ्त में टीका लगवाने को लेकर सवाल, दरअसल जिस तरह से अखिलेश यादव यूपी सरकार से सवाल कर रहे हैं वहीं सीएम योगी उतनी ही तेजी से कोरोना को कंट्रोल करने में लगे हुए है . चाहे वो टेस्टिंग हो, या फिर वैक्सीन लगाने का काम हो।
इधर यूपी के कैबिनेट मंत्री और यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वैक्सीन पर भ्रम फैला कर यूपी के लोगों को कोरोना के खतरे में धकेलने वाले अखिलेश यादव सरीखे लोग यूपी की जनता के अपराधी हैं. अपने पापों का प्रायश्चित करने के बजाय अखिलेश यादव बेशर्मी के साथ सियासी ड्रामेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले तो अखिलेश ने वैक्सीन को बीजेपी का बताया और इसके बारे में दुष्प्रचार किया. अब ये वैक्सीनेशन के लिए नीति की बात कर रहे हैं. ऐसा दोहरा चरित्र दर्शा कर सपा नेता पहले ही जनता का विश्वास खो चुके हैं.
ये लोग वैक्सीन मुफ्त लगाने की बात करते हैं. क्या उनको मालूम नही है कि 45 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त है और 18 से 44 आयु वर्ग के लिए योगी सरकार मुफ्त लगाने की घोषणा कर चुकी है. प्रदेश में वैक्सीन की 1.45 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं और आने वाले समय में वैक्सीनेशन और तेज किया जायेगा
उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी को स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से गर्त में धकेलने वाली सपा को संकट की इस घड़ी में भी 2022 का चुनाव ही नजर आ रहा है. WHO समेत दुनिया भर में योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ हो रही है. कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 85 फीसदी के आंकड़े को पार कर गया है, जो किसी भी राज्य से बेहतर है. जाहिर है उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अगर सरकार से सवाल भी नहीं पूछ पाएं तो फिर जनता से किस मुंह से वोट मांगेंगे. लेकिन हम तो यहीं विनती करते हैं इस संकट की घड़ी में विपक्ष सियासत छोड़ के सरकार का सहयोग करे।
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