कुरुक्षेत्र की (युद्ध/धूर्त)पृष्ठभूमि में ५००० वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था जो कि श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है ।

मोक्षदा एकादशी व्रत को शास्त्रों में मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है। इस एकादशी का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन का मोह भंग करने के लिए मोक्ष प्रदायिनी श्रीमद्भगवदगीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।

यह कौरवों व पांडवों के बीच युद्ध महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। जैसा गीता के शंकर भाष्य में कहा है- तं धर्मं भगवता यथोपदिष्ट वेदव्यासः सर्वज्ञोभगवान् गीताख्यैः सप्तभिः श्लोकशतैरु पनिबन्ध। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गौ और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या। इस प्रकार वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है। उसे ही पुष्पिका के शब्दों में ब्रह्मविद्या कहा गया है।

श्रीमद्भगवदगीता की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है ————–

लेखक- वेदव्यास
देश- भारत
भाषा- संस्कृत
श्रृंखला- पुराण
विषय-श्रीकृष्ण भक्ति
प्रकार- प्रमुख वैष्णव ग्रन्थ

श्रीमद्भगवदगीता में १८ अध्याय हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं——————-

१- कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरीक्षण ।
२- गीता का सार ।
३- कर्मयोग।
४- दिव्य ज्ञान।
५- कर्मयोग-कृष्णभावनाभावित कर्म।
६- ध्यानयोग ।
७- भगवद्ज्ञान ।
८- भगवत्प्राप्ति ।
९- परम गुह्य ज्ञान।
१०- श्री भगवान् का ऐश्वर्य।
११- विराट रुप।
१२- भक्तियोग।
१३- प्रकृति, पुरुष तथा चेतना।
१४- प्रकृति के तीन गुण ।
१५- पुरुषोत्तम योग ।
१६- दैवी तथा आसुरी स्वभाव।
१७- श्रध्दा के विभाग।
१८- उपसंहार-संन्यास की सिद्धि ।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.