एक DG रैंक का इंसान पत्नी पे हाथ उठाता है कितनी शर्मनाक बात है।राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW ) सहित सभी मीडिया चैनल साथ हाथ धो के उस अत्याचारी पुरुष के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड देती है। हर चैनल पर उसे एक पत्नी पर अत्याचार करने वाला दुष्ट अत्याचारी पता नहीं और भी जो अपशब्द है उससे उसका नया नामकरण कर देती है।

सिर्फ़ एक ट्वीट NCW के तरफ़ से और मामा शिवराज स्वयं उस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उस अत्याचारी DG पुरुषोत्तम शर्मा को तत्काल प्रभाव से स्थानांतर कर कार्यमुक्त कर देते है। मुख्यमंत्री जी का इतनी जल्दी संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करना एक बहोत ही प्रशंशनिया कदम व सुशासन का संकेत देती है तथा महिलाओं पे होते अत्याचार को निरुत्साहित करने में बहोत बड़ी भूमिका निभाती है। 

ख़ैर DG पुरुषोत्तम शर्मा केस को थोड़ा नज़दीक से सिलसिलेबार तरीक़े से देखते है जो मीडिया नहीं दिखाना चाहती।

मामला सुरु होता है उस विडीओ से जिसमें DG पुरुषोत्तम शर्मा की पत्नी के द्वारा DG शर्मा को कथित तौर पे रंगे हाथ पकड़ने की विडीओ से जिसमें वो किसी महिला मित्र के घर पर बाहरी कमरे में एक सोफ़े पर बैठे पाए जाते है ।तभी उनकी पत्नी वहा पहुँचती है ।पत्नी के पहुँचने के बाद डिजी शर्मा और उनके पत्नी के बीच बात होती है जिसमें वो कहते है की “किसी से मिलना गुनाह है क्या ? अगर मैंने इसके साथ कुछ ग़लत किया है तो ये मेरे ऊपर रेप केस करे ।ये उनकी ज़िंदगी है और वो स्वतंत्र है कुछ भी करने को, कही भी आने जाने को किसी से भी मिलने को और उनकी पत्नी हर जगह उनका पीछा करती है” कहते हुए वहा से निकल जाते है ।पत्नी उस महिला से पूछताछ करती है , महिला सारी चीजों से इनकार करती है , शर्मा की पत्नी बेडरूम भी चेक करती है जो विडीओ में सामान्य है।(video available)

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फिर एक विडीओ किसी पत्रकार द्वारा ट्वीट होता जिसे महिला आयोग रि – ट्वीट कर मामा शिवराज से गुहार लगाती है ।

CM शिवराज सिंह चौहान त्वरित कार्यवाही करते हुए अपनी ज़िम्मेदारी का वहन करते हुए DG पुरुषोत्तम शर्मा पे कार्यवाही कर महिला आयोग को अवगत करवाते है ।

अब जो ना मामा शिवराज सिंह ने देखना उचित समझा और ना महिला आयोग की काम की चीज़ है और न न्यूज़ चैनल वालों ने दिखाना अपना कर्तव्य समझा वो है उस आधे विडीओ पहली कुछ अंश जो बड़े ही चालाकी से काट दी गयी ।

DG पुरुषोत्तम शर्मा की पत्नी कैंची से हमला करती है और क़बूल भी कर रही हैं ।

ग़ौरतलब है के दोनो पति पत्नी एक ही घर में अलग अलग हिस्सों में रहते है और सारा खर्चा DG शर्मा ही उठाते है।

बिना किसी जाँच के बिना दूसरा पक्ष को सुने हुए एक पुरुष को तत्काल पूरे देश में महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन घोसित कर दिया जाता है, बस एक आधि अधूरी विडीओ के आधार पे। समस्त पुरुषों को सोशल मीडिया पे ऐसे ही अत्याचारी के रूप में गणना होने लगती है लेकिन कुछ ही हफ़्तों पहले भाईरल हुई विडीओ जिसमें एक पत्नी द्वारा पति को रस्सी से बांध कर पीटने की खबर बस आती है छोटा सा हेड्लाइन बनती है और गुम हो जाती है। 

शायद आपको याद हो हाल ही में जस्टिस मिश्रा ने धारा ४९७ अप्रासंगिक घोसित कर अडलट्री क़ानून की वैधता निरस्त करते हुए कहा था “पति पत्नी का मालिक नहीं होता।स्त्री या पुरुष में से किसी भी एक की दूसरे पर क़ानूनी संप्रभुता सिरे से ग़लत है।” 

क्या महिलाओं द्वारा पुरुषों पे मालिकाना हक़ कानुनन जायज़ है?

क्या महिलाओं को पुरुष को मानसिक टोर्चर करना पिटना नया क़ानून है? 

क्या मर्द होना गुनाह है?  

क्या एक तरफ़ा सुन के फ़ैसला सुना देना जायज़ है सिर्फ़ इसलिए के वो एक महिला ने कहा ??

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