*?’लव-जिहाद’ से बचने के उपाय*
*कैसे करे पहचान?*

? आज-कल ‘ अशांतिदूत भी बड़े एक्सपर्ट हो गए हैं अल- तकिया करने में | हिन्दू लड़कियो को लव जिहाद में फसाने के लिए अब इन्हें न तो ‘हनुमान’ चालीसा पड़ने में हिचकिचाहट है और न ही ‘मंदिर’ जाने में । इसलिए मैं आपको कुछ अलग टिप्स देता हूं-

?१- ‘अशांतिदूत’ हनुमान चालीसा, आरती सब कुछ पढ़ सकते हैं| अगर कुछ है तो वो है की वे अपने अल्लाह की बुराई नहीं सुन सकते, इसलिए बातो-बातो में किसी बहाने से उसे ‘मुस्लिम’ मजहब के करीब ले जाकर ‘अल्लाह’ की बुराई करना चालू कर दीजिये और उनके चैहरे के ‘भाव’ देखिये और यदि आपको कुछ गड़बड़ समझ आये तो वहां से फ़ौरन निकल लीजिये| सभी सत्यार्थ प्रकाश का चौदहवाँ समुल्लास (अध्याय) अवश्य पढ लें । इसमें मुस्लिम मत समीक्षा दी है। हिन्दू लडकी फाँसने के लिए दो से छ: और सात लाख रूपयों तक का पुरस्कार है।)

?२- आज-कल परफ्यूम और सेंट वगैरह का प्रचलन ज्यादा है| अगर आपका ‘बॉयफ्रेंड’ ये सब चीज़े ज्यादा इस्तेमाल करता है तो ये आपके लिये ‘चिंता’ का विषय है क्यूंकि ‘अशांतिदूत’ मास का सेवन करते हैं और जब उनके बदन से पसीना निकलता है तो मास के सेवन के कारण उनके शरीर से बदबू आती है जिसे छुपाने के लिये ‘अशांतिदूत’ ये चीज़ इस्तेमाल करते हैं| अतः सतर्क रहिये|

?3-‘अशांतिदूत’ की नमाज़ दिन में पांच बार होती है और जुम्मा यानि शुक्रवार की नमाज़ अदा करना अशांतिदूतो के लिये जरूरी होता है| आप उसे नमाज के वक़्त ही बुलाइये और अगर ताल-मटोल करे तो दूसरे दिन फिर बुलाइये| ये क्रम ‘जुम्मा’ यानि शुक्रवार तक चलाइये अगर आपका ‘बॉयफ्रेंड’ ताल-मटोल करना जारी रखता है तो उसे ‘फ़ौरन’ छोड़ दीजिये इसी में आपकी भलाई है|

?४- तथाकथित पवित्र माह यानि ‘रमजान’ के महीने में जब ‘अशान्तिदूतो’ के रोजे चलते हैं तब अपने ‘बॉयफ्रेंड’ को कुछ न कुछ खाने को जरूर कहिये और अगर मना करे तो फ़ौरन छोड़ दीजिये|

?५- ‘अशान्तिदूतो’ का पसंदीदा रंग ‘हरा’ रंग है| अगर आपका boyfriend आपको हरे रंग के ‘गिफ्ट्स’ ज्यादा दे रहा है या वो ‘हरे’ रंग के कपडे ज्यादा पहन रहा है तो आपको अतयंत सावधानी की जरूरत है|

?मित्रो, आशा है कि ये टिप्स आपके काम आएंगे| अपनी संस्कृति के लिये, देश के लिये, इज़्ज़त के लिये और आप के अपने लिए ये पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें| हो सकता है कि आपके शेयर से किसी की जिंदगी तबाह होने से बच जाये|

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