हिन्दू धर्म एक भारतीय धर्म है,या जीवन जीने का तरीका है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसके १.२५ बिलियन से अधिक अनुयायी हैं, या १५-१६% वैश्विक जनसंख्या है, जिसे हिन्दुओं के रूप में जाना जाता है। हिन्दू शब्द एक उपनाम है, और जबकि हिन्दू धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा गया है, कई चिकित्सक अपने धर्म को सनातन धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म: “द इटरनल वे”) के रूप में संदर्भित करते हैं, जो इस विचार को संदर्भित करता है कि इसकी उत्पत्ति इतिहास से परे है, जैसा कि सामने आया है हिन्दू ग्रंथ। यह एक वैदिक धर्म है,’वेद से संबंधित धर्म।

भाइयों-बहनों क्या आपने कभी सोचा है कि “हिन्दू धर्म” विश्व का सबसे “प्राचीन धर्म” होने के वावजूद भी विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है क्यों??
जब विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है तो दुनिया का पहला सबसे बड़ा धर्म क्यों नहीं,
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि “हिन्दू धर्म” ही विश्व का सबसे प्राचीन तथा पहला सबसे बड़ा धर्म आदिकाल से ही था परन्तु कुछ विदेशी आक्रांताओं ने आक्रमण करके हमारे सनातन “हिन्दू” धर्म को नष्ट करके पहले स्थान से गिराकर आज तीसरे स्थान पर कर दिया ।

वह उन्होंने(विदेशी आक्रांताओं) ने अपने अकेले दम पर नहीं किया था उन्हें कुछ हमारे ही समाज के “दोगले हिन्दुओं” ने बढावा देकर अपना आपसी बदला निकालने के लिए किया था ।
और आज भी ऐसे दोगले हिन्दू हमारे समाज तथा देश में उपस्थित हैं जो आज भी हमारे भारत देश को तथा हिन्दुओं को नष्ट करना चाहते हैं और “धर्मनिरपेक्षता” की आड़ में हिन्दुओं को नष्ट कर रहे हैं।

हमारे हिन्दू भाइयों-बहनों की हत्या करना ।
हमारी हिन्दू बहन-बेटियों को लव जिहाद का शिकार बनाना ।
हमारे धार्मिक स्थलों तथा मंदिरों को तोड़कर उसकी जगह पर कब्जा करके अपने धार्मिक स्थलों का निर्माण करना ।
गायों की हत्या कर उनका मांस खाना तथा दोखे से हिन्दुओं को भी गाय के मांस का सेवन कराना,चूकिं सनातन धर्म में गाय की हत्या करना पाप है और गाय का मांस या किसी दूसरे जानवर का मांस खाने से धर्म नष्ट हो जाता है, तो इस प्रकार से वह हिन्दुओं का धर्म नष्ट कर रहे हैं।
हमारे हिन्दू भाइयों-बहनों का धर्म परिवर्तन करवाना ।
हमारी हिन्दू बहन-बेटियों से जबरन शादी करने के बाद उनका शारीरिक शोषण करना तथा उसके बाद उनकी हत्या कर देना ।

उर्पयुक्त सभी कार्य करके हमारे सनातन हिन्दू धर्म को नष्ट किया जा रहा है।

सभी हिन्दू भाइयों-बहनों से अनुरोध है कि वह अपने “मानवाधिकारों” को जाने उन अधिकारों का उपयोग करें और सनातन “हिन्दू” धर्म की रक्षा करें यही आपका मूल कर्तव्य होना चाहिए।

किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। मनुष्य योनि में जन्म लेने के साथ मिलने वाला प्रत्येक अधिकार मानवाधिकार की श्रेणी में आता है।

जब कोई हमारी “हिन्दू” बहन-बेटियों को लव-जिहाद का शिकार बनाता है तब वह हमारे “सम्मान” के अधिकार का हनन है।
जब कोई हमारे “मंदिरों” को “धार्मिक स्थलों” को नष्ट करता है तब भी वह हमारे “सम्मान” के अधिकार का हनन है।
जब कोई हमें अपने सनातन “हिन्दू” धर्म के अनुसार “पूजापाठ” करने, “तिलक” लगाने,”शिखा(चोटी)” रखने पर आपत्ति जताता है तब भी वह हमारे “सम्मान”,”जीवन”,” स्वतंत्रता”,”समानता” के अधिकारों का हनन है यानि कि वह आप के सभी “मानवाधिकारों” का हनन है।

मानवाधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है।
आइए इस दिन हम सब शपथ लें कि हम कभी अपने मानवाधिकारों का हनन नहीं होने देंगे।

मेरा आप सभी भाइयों-बहनों से अनुरोध है कि आप अपने सनातन”हिन्दू” धर्म के प्रति कर्तव्यनिष्ठा दिखाएं, आप अपने मानवाधिकारों का उपयोग करें उनका हनन ना होने दें तथा
दोगले हिन्दुओं से सावधान रहें उन्हें भी अपने सनातन”हिन्दू” धर्म के प्रति कर्तव्यनिष्ठा का पालन करने हेतु प्रेरित करें।

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