हीरे तराशते वैशिष्ट्यम के जौहरी

नाम गौतम सोनकर, आयु 16 वर्ष, पता वैशिष्ट्यम स्कूल, वात्सल्यग्राम।
ये परिचय किसी आम का नहीं खास का है। जानिये क्यूँ वृन्दावन के वात्सल्यग्राम स्थित वैशिष्ट्यम स्कूल का ये बच्चा चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौतम को ऑटिस्म नाम की बीमारी है, ऐसी बीमारी जिसमें बच्चे अपने आसपास के वातावरण से सामंजस्य नहीं बिठा पाते। अपनी बात नहीं कह पाते, समझ नहीं पाते, हिलमिल नहीं पाते, बढ़ते शरीर के साथ सामान्य रूप से मस्तिष्क विकसित नहीं हो पाता।
गौतम, भारत की ओर से आइस स्केटिंग प्रतियोगिता में चयनित हुआ है। इस विशिष्ट बच्चे की अदभुत सफलता से वात्सल्यग्राम और वैशिष्ट्यम स्कूल के ट्रेनर्स में उल्लास का माहौल है और गौतम इस अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में विजय का वरण करे, ऐसी उम्मीदें और प्रार्थना सभी कर रहे हैं।
अप्रैल के इस पहले हफ्ते को ऑटिस्म अवेयरनेस वीक के रूप में वैशिष्ट्यम स्कूल मना रहा है। इस पूरे हफ्ते इन बच्चों के साथ भिन्न भिन्न क्रियाकलापों के साथ कुछ नवीन प्रयास किये जाएंगे जिससे इनकी क्षमताओं का आंकलन किया जा सके।
भारत में इस बीमारी से 1.8 मिलियन बच्चे पीड़ित हैं। इन बच्चों की बीमारी माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर लेवल पर जांची जाती है। उसके बाद इन्हें प्रतिष्ठित विद्यालयों में रख कर इनका इलाज किया जाता है, जिससे इन विशिष्ट बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह वो सब मिले, जिसके ये हक़दार हैं।
गौतम की ये उपलब्धि प्रशंसनीय है। वो बच्चा जो अच्छे से खुद की बुनियादी जरूरतें बता नहीं पाता, एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहा है। वहां वो अपनी पहचान, अपनी जगह बनाने की जद्दोजहद करेगा, लड़ेगा, चुनौतियों से, मुश्किलों से, और इस लड़ने के जज्बे को ही बच्चों में बुन रहा है वैशिष्ट्यम स्कूल। एक स्कूल जिसमें ट्रेनर्स उसी हॉस्टल में रहते हैं जिसमें ये बच्चे। वही खाते और खेलते हैं। ज़िन्दगी इन्हीं के इर्द गिर्द बुन ली है इन ट्रेनर्स ने, जिनकी उम्मीद, आशा और खुशियों के लिए गौतम तैयारी कर रहा है।
गौतम से पहले एक ऐसी ही तराशी हुई प्रतिभा ने अबू धाबी के प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया, जिसके लिए उस बच्ची को सरकार से आठ लाख की मदद भी दिलाई गई, उस बच्ची के पिता पुताई का काम करते हैं।
वैशिष्ट्यम एक ऐसा विद्यालय है, जिसकी कार्यप्रणाली और इसके शिक्षकों की गुणवत्ता से प्रभावित होकर ओ ए न जी सी लिमिटेड जैसे फार्च्यून 500 कंपनी ने हॉस्टल निर्माण के लिए सहयोग राशि प्रदान की, जिसके शिलान्यास कार्यक्रम में पेट्रोलियम मंत्री डायरेक्टर श्रीमती अलका मित्तल वात्सल्यग्राम आई थीं।
आइये जानते हैं उन लोगों के बारे में जो इन विशिष्ट बच्चों को सहेज रहे हैं, तराश रहे हैं उनकी प्रतिभा, जिनके ह्रदय में इन बच्चों के लिए प्रेम और समर्पण है, शायद हमसे ज्यादा, बहुत ज्यादा। इन शिक्षकों की आंखें उन बच्चों में सुंदरता ढूंढ लेती हैं, जिनमें किसी को कुछ नहीं दिखता। वो अपनापन जिसमें ये न झल्लाते न नाराज होते हैं, तब भी नहीं जब बच्चे अनियंत्रित हों क्यूंकि ये जानते हैं कि इन बच्चों को प्रेम और वात्सल्य की जरूरत है।
वैशिष्ट्यम की युवा एवं प्रशिक्षित, बहुआयामी व्यक्तित्वों की धनी इस ऊर्जावान टीम को आपके सहयोग की जरूरत है। वालंटियर करें, अपना अमूल्य समय, ऊर्जा अथवा धन, हमें आपका हर प्रकार का सहयोग इन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अपेक्षित है।
आइये सहयोग का हाथ बढ़ा इन बच्चों, उनके माता पिता एवं परिजनों के जीवन के तमसमय अंधकार को दूर करें, सहयोग करें जिससे की गौतम जैसी प्रतिभाएं तराशी और निखारी जा सकें।
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