छह दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की जो बैठक बुलाई गई, उसमें प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव गुमसुम थे।

माखनलाल फोतेदार कांग्रेस के खानदानी निष्ठावान थे। कांग्रेस के कम इंदिरा- राजीव के करीबी थें।

उन्होंने प्रधानमंत्री राव से फोन पर अनुरोध किया था कि वह सुरक्षा बलों से कहें कि फैजाबाद में तैनात वायुसेना के हेलिकॉप्टरों से आंसू गैस के गोले चला कारसेवकों को खदेड़ें। इस पर प्रधानमंत्री नरसिंह राव साहब ने कहा, यह मैं कैसे कर सकता हूं, यह राज्य सरकार का काम है। इस पर माखनलाल ने फिर कहा, कम से कम एक गुंबद तो बचा लीजिए ताकि बाद में हम उसे शीशे में रख लोगों को दिखला सकें कि बाबरी मस्जिद बचाने की हमने पूरी कोशिश की।

यह कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण के प्रति असली चेहरा है जिसके लिए वह हिंदुओं की बलि देने से भी नहीं चूकते। शायद यहीं समझाने के लिए माखनलाल ने तात्कालिन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को फोन किया था।

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