सनातन धर्म के विषय में द्वेषपूर्ण वक्तव्य करने के प्रकरण में दादर पुलिस थाने में परिवाद !

सनातन धर्म के विषय में आक्षेपार्ह तथा द्वेषपूर्ण वक्तव्य कर हिन्दुओं की धार्मिक भावना आहत करने के प्रकरण में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिनकर्नाटक के ग्रामविकासमंत्री प्रियांक खडगेतमिलनाडु के द्रमुक के सांसद एराजाराष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र आव्हाड एवं पत्रकार निखिल वागळे के विरुद्ध ‘हेट स्पीच’ (द्वेषपूर्ण वक्तव्यदेने के लिए याचिका प्रविष्ट करने की मांग हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा की गई है । हिन्दुत्वनिष्ठों ने मुंबईदादर के शिवाजी पार्क पुलिस थाने में परिवाद किया है ।


सनातन धर्म की तुलना डेंग्यूमलेरियाकोरोनाएड्सकुष्ठरोग आदि रोगों से तुलना करते हुए उसे नष्ट करने की भाषा बोलनेवाले द्रमुक पक्ष के तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिनकर्नाटक के ग्रामविकासमंत्री प्रियांक खडगेतमिलनाडु के द्रमुक के सांसद एराजा एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने की थी । इनके साथ पत्रकार निखिल वागळे ने भी हाल ही में ‘फेसबुक’से द्वेषपूर्ण पोस्ट भेजकर उनके समर्थन में कहा कि ‘‘उदयनिधि स्टालिन से मैं सहमत हूं । सनातन धर्म किसी रोगसमान है …!’’ राष्ट्रवादी कांग्रेसे के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी आक्षेपार्ह वक्तव्य किए थे । उन्होंने कहा था कि ‘‘सनातन धर्मयह देश को लगा दीमक है ।’’ किसी भी धर्म के विषय में इस प्रकार अशोभनीयनिंदनीयअपमानजनक वक्तव्य दे कर धार्मिक भावनाएं आहत करनायह भा.दंसंहिता धारा 153 (), 153 (), 295 (), 298, 505 एवं आई.टीकानून के अंतर्गत अपराध है । ऐसा परिवाद में पंजीकृत करते हुए हिन्दू धर्म के विषय में द्वेषपूर्ण वक्तव्य करनेवालों को तुरंत बंदी बनाने की मांग की गई है । इस पर दादर के शिवाजी पार्क की पुलिस ने घटना की निश्चित कर आगे की कार्यवाही का आश्वासन दिया है । इस परिवाद में चेतावनी भी दी गई है कि यदि पुलिस द्वारा योग्य कार्रवाई नहीं हुईतो इस प्रकरण में सर्वाेच्च न्यायालय का अनादर होने के प्रकरण में याचिका प्रविष्ट की जाएगी ।

यह परिवाद हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता चंद्रकांत भर्दिकेइसके साथ ही हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता सर्वश्री प्रभाकर भोसलेप्रसन्न देवरूखकरहितेंद्र पागधरेराहुल भुजबळअशोक सोनावणेआशीष पांडेयदिनेश खानविलकरसागर चोपदारअधिवक्ता सुरभी सावंत आदि 27 लोगों को दिया है । ‘हेट स्पीच’के विषय में सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति केएम्जोसेफ एवं न्यायमूर्ति बी.वीनागरथना ने 28 अप्रैल 2023 को आदेश दिया कि ‘समाज में द्वेष फैलानेवाले वक्तव्य कर समाज में वाद निर्माण करनेवालों के विरोध में किसी के परिवाद प्रविष्ट करने का प्रतीक्षा न करते हुए सरकार को स्वयं ही अपराध प्रविष्ट करना चाहिए । उन्होंने आगे कहा, ‘‘यदि ऐसा करने में विलंब हुआतो यह सर्वोच्च न्यायालय का अनादर माना जाएगा ।’’

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,

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