इससे पहले हम आपको ये बताये की ये बंदा फैज़ खान कौन है उससे पहले आप इसके एक चहेते के द्वारा फेसबुक पर एक कमेंट पढ़िए
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पोस्ट पर कमेंट कर रहा एक इज़हार शेख नाम का बंदा साफ़ साफ़ जिहाद की बात कर रहा है और कह रहा है फैज़ भाई बस टोपी लगाके मिटटी डाल दे! तो मज़ा आ जाए!
अब आते है कहानी पर!
अयोध्या में आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के लिए भगवान राम की माता कौशल्या के मायके यानी, राम के ननिहाल चांदकुरी गांव की मिट्टी डाली जाएगी। यह मिट्टी लेकर और कोई नहीं, छत्तीसगढ़ के गांव चांदकुरी के मोहम्मद फैज खान 800 किलोमीटर दूर अयोध्या जा रहे हैं। माना जाता है कि कौशल्या इसी गांव की थीं।
मध्य प्रदेश के अनूपपुर पहुंचे मोहम्मद फैज़ खान ने कहा, “मैं नाम और धर्म से मुसलमान हूं, लेकिन मैं भगवान राम का भक्त हूं। जब मैं अपने पूर्वजों को देखता हूं तो पता चलता है कि वे हिंदू थे। उनके नाम रामलाल या श्यामलाल रहे होंगे। हम सभी शुरू में हिंदू रहे हैं, अब चाहे हम चर्च जाएं या मस्जिद।”
फैज़ खान ने कहा की हमारे आदि पूर्वज भगवान् राम थे और आगे कहा की अल्लामा इकबाल (पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि) ने इसे समझाने की कोशिश की थी दरअसल ये वही अल्लामा इकबाल है जिसने सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गीत लिखा थे और आपको इस बात से हैरानी नहीं होनी चाहिए की इस अल्लामा इकबाल ने ही पाकिस्तान बनने की पहली मांग की थी… काहिर ये तो इतिहास की बीती बाते है हम इस पर आगे कभी चर्चा करेंगे
अब हम आपको सुनवाते है इस फैज़ खान का एक वायरल ऑडियो जिसमे ये एक महिला को उसके पेअर दबाने के लिए कह रहा है ये नकली राम भक्त
हैरान कर देने वाली बात ये है की आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद खुल कर इसका समर्थन कर रहे है पर इन्होने कभी किसी हिन्दू का खुलकर समर्थन नहीं किया हिन्दुओ को इस पर ध्यान देना चाहिए की कैसे यहाँ हमेशा की तरह अभी भी उन्हें मूर्ख बनाया जा रहा है और एक बार फिर झूंठे सेकुलरिज्म की लोली पॉप हिन्दुओ को ही दी जा रही है
आपने ध्यान दिया होगा तो देखा होगा की ये फैज़ खान टोपी भी लगाता है और टीका माला भी पहने रहता है अब आप ही बताइए की क्या कोई व्यक्ति दो नांव पे सवार होकर यात्रा कर सकता है नहीं पर ये फैज़ खान सबकुछ सोच समझकर हिन्दुओ को धोके में रखना चाहता है और दूसरी तरफ मुसलमानो को खुश करना चाहता है जिसकी पहचान उसकी खुद टोपी है हिन्दुओ को अब आगे बढ़कर विरोध शुरू कर देना चाहिए नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब आगे भविष्य में आपके बच्चो को ये पढ़ाया जाए की राममन्दिर की नींव रखने वाला एक मुस्लमान था
जय श्री राम
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