देश की सबसे पुरानी माने जाने वाली काँग्रेस पार्टी हमेशा से ही हिंन्दू विरोधी रही है। एक परिवार के विचारधारा वो पर चलने वाली ये पार्टी हमेशा सेक्युलर नाम का विक्टीम कार्ड खेलती रेहती है। काँग्रेस का इतिहास नेहरू से लेकर वर्तमान में राहुल गांधी तक हमेशा से ही हिन्दू विरोधी रहा है। इसका असर ये है की, चुनावो का समय आने पर राहुल गांधी खुदको हिन्दू साबीत कराने में जुट जाते है। चुनावो के वक्त ही राहुल गांधी को हिन्दू देवी-देवतावो की याद आती है। हिन्दू वोट पाने के लिए राहुल गांधी जनेऊ धारण करके मंदिरो में जाते है। हमेशा हिन्दू एक वोट बँक की तरह इस्तेमाल किया गया है।

वर्तमान में देखे तो जिस भी राज्य में काँग्रेस या काँग्रेस गठबंधन वाली सरकारे है। वहा हिन्दू विरोधी ताकते अपनी चरम सिमा पर है। गौ हत्या हो या साधु संतो की हत्या आए दिन होती रेहती है। हिन्दू विरोधी बनी काँग्रेस देश विरोध को लेकर भी काफी चर्चा में रेहती है। यही काँग्रेस आतंकवादीयो के मौत पर रोती है, आतंकवादी यो के लिए आधी रात को देश के सर्वोच्च न्यायालय को खुलवाती है, इसी काँग्रेस के लिए जवानो पर पत्थर मारने वाले अलगावादी भटके हुए नौजवान होते है, लेकिन आर्मी चीफ इनके लिए सडका का गुंडा होता है। चीन-पाकीस्तान की भाषा बोलने वाली काँग्रेस हमेशा देश के मुस्लिम समुदाय को खुश करने में जूटी रेहती है।

कुछ महीनो की बात है, महाराष्ट्र में काँग्रेस NCP और शिवसेना ने मिलकर सरकार बानायी। उसी वक्त हिन्दू विरोधी ताकतो को बढावा मिल गया। पालघर में 16 अप्रैल को जुना अखाडे के दो साधुवो को पिट पिटकर भीड ने मार डाला। लाॅकडाउन के समय में 2000 से 3000 लोगो की भीड एकठ्ठा होकर पुलिस मौजुदगी में साधु वो को मार डालती है। हिन्दू विरोधी बनी महाराष्ट्र सरकार ने गलतफैमी सै हूई हत्या बताकर पल्ला झाड लिया और CBI जाँच से भी मना कर दिया। इस पुरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन में बैठी काँग्रेस पार्टी एक बयान भी जारी करना जरूरी नही समजती। हैरत की बात ये है की जब ऐसी परिस्थिती किसी मौलवी के साथ आती है और घटना BJP शासीत राज्य की हो तो वही काँग्रेस पार्टी चिल्ला चिल्लाकर जवाब मागती है। सडको पर उतर जाती है।

जानते है काँग्रेस के हिन्दू विरोधी बोल,

1) जब अंग्रेज भारत छोडकर चले गये तो, देश के प्रधानमंत्री नेहरू चाहते तो गुलामी के वक्त तोडी गयी हिन्दू सभ्यता, पुरातन मंदिरो को फिरसे पुनर्जीवित कर सकते थे। लेकिन ऐसा नेहरू ने नही किया। सरदार वल्लभभाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर को नेहरू के खिलाफ जाकर बनवाया था। नेहरू सोमनाथ मंदिर बनाने की बात से शुरवात से ही खिलाफ थे। नेहरू के मुताबीत यदी मंदिर बन जाता है तो हिन्दूत्व का उदय हो जायेगा,जो वही नेहरू नही चाहते थे। ये बात खुद नेहरू ने सोमनाथ मंदिर बनाने के वक्त कही थी।
2) आझादी के बाद से ही नेहरू का हिन्दू विरोध शूरू हूवा। जो सरदार पटेल के मौत के बाद खुलकर सामने आया। जब हिन्दू कोड बील लाया गया तो नेहरू ने कुछ नही काहा लेकिन जैसे ही मुस्लिम कोड बील लाने की बात कही तो नेहरू ने साफ मना कर दिया। नेहरू ने काहा की, जब मुस्लिम भारत में खुदको सुरक्षित महसुस करेगा तो ईस बील को लाया जायेगा। लेकिन अफसोस मुस्लीम आज भी खुदको सुरक्षित महसुस नही कर पाता। उनको आज भी देश में रहने का डर लगता है।
3) आझादी के बाद तत्कालीन अखबार ‘द हिन्दू’ में एक लेख छापा गया जो सरकार की हिन्दू विरोधी मानसिकता का दर्शन कराती है। के.के.सुब्रह्यमण्यम ने लिखा की, नेहरू दूसरे धर्मो को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ साबीत कराने में जुटे है। संविधान निर्माण में बराबरी की भूमिका निभाने के बाद भी कृष्णास्वामी अय्यर, बी.एन.राव को अंबेडकर की तूलना में कभी महत्व नही दिया गया। इस बात के जिम्मेदार भी खुद नेहरू ही थे।
4) जब 7 फरवरी 1916 को मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की शादी के तीन अलग अलग कार्ड छपवाए, तो उसमे एक कार्ड अरबी लीपी में दुसरा फारसी लीपी में और तिसरा अंग्रेजी लिपी में छपवाए थे। तिनो ही कार्ड में कही भी हिंदी एव संस्कृत भाषा का उल्लेख नही था, नाही हिन्दू धर्म से जुडा कोही भी श्लोक था, और नाही कीसी देवी देवता वो की प्रतिमा।
5) आझादी के बाद जब सरदार वल्लभभाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर दोबारा निर्माण की बात नेहरू के सामने रखी तो नेहरू ने इसका विरोध किया। सोमनाथ मंदिर निर्माण के बाद मंदिर पुजन के लिए जब नेहरू को आमंत्रित किया तो नेहरू ने आने से मना कर दिया। जब तत्कालीन राष्ट्रपती राजेंद्र प्रसाद मंदिर गये तो नेहरू ने उनका भी विरोध किया और सोमनाथ मंदिर के पुजन के प्रसारन में भी रोक लगाई।
6) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू नाम से नेहरू को घोर आपत्ती थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडीत मदन मोहन मालवीय पर नेहरू ने हिंदू शब्द हटाने के लिए दबाव डाला था। लेकिन दुसरी तरफ अलिगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में मुस्लिम नाम सें नेहरू को कोई आपत्ती नही थी।
7) वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत बनाने पर भी नेहरू ने आपत्ती जतायी थी। इसी बात पर मुस्लीमो का मनोबल बढा और इसिलीए वर्तमान में भी ज्यादा तर मुस्लिम वंदे मातरम् का विरोध करते है।
8) 7 नवंबर 1966 को दिल्ली में संसद के सामने एक बार फिरसे इंदिरा गांधी के आदेश पर जालियनवाला बाग हत्याकांड खेला गया। संसद के सामने हजारो नागा साधु इकठ्ठा होकर गौ हत्या के खिलाफ कानुन बनाने की माँग कर रहे थे। लेकिन इंदिरा गांधी किसी भी किमत पर गौ हत्या बंद करना नही चाहती थी, और फिर इंदिरा के आदेश पर नागा साधु वो पर गोलीया बरसायी गयी। खुले आम हिन्दू साधू वो की हत्या कर दि गयी।
9) नागा साधू वो पर गोलीया चलाने और उनकी हत्या करने में जिम्मेदार बनी इंदिरा इस घटना के बाद कही राज्यो में चुनाव हार गयी थी। हिन्दू वोट बँक पाने के लिए इंदिरा ने अपने बेटे राजीव गांधी के शादी में हिंदी में कार्ड तो छपवाए लेकिन कही पर भी हिन्दू देवी देवतावो का उल्लेख नही किया गया था।
10) काँग्रेस शासन में मुस्लिम समुदाय का हौसला बढता गया और इसका असर सिधा घाटी में देखने को मिला। कश्मिरी हिन्दू वो का सरे आम कत्ल कर दिया गया। उन्हे अपने ही देश में पराया कर दिया।
11) नेहरू गांधी परीवार ने कभी भी हिन्दू त्योहार नही मनाए बल्की रमजान में गांधी परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करती है।
12) चुनावो के वक्त जनेऊ धारण करने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कभी भी रक्षाबंधन मनाते हुए नही देखा।
13) मोदी जी को हराने के लिए खुदको हिन्दु बताने वाले राहुल ने कभी किसी हिन्दु त्योहारो पर जनता को बधाईया नही दि। हालांकी अभी 2017 में राहुल गांधी ने पहिली बार दिवाली कि शुभकामनाए दि। और इसी साल पहिली बार कॉग्रेस दफ्तर में होली मनायी गयी।
14) राम मंदिर में अटकला डालने वाली भी मुख्य तौर पर काँग्रेस हि थी। काँग्रेस ने हमेशा राम मंदिर से जूडे विवादास्पद बयान दिए। श्री राम के अस्तित्व को लेकर सवाल किए। काँग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्री राम को काल्पनिक बताया वही काँग्रेस नेता मनीशंकर अय्यर ने दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संघठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काहा कि, ‘राजा दशरथ एक बहुत बडे राजा थे। उनके महल में 10 हजार कमरे थे। तो भगवान राम किस कमरे में पैदा हूए ये बताना बडा ही मुश्किल है। काँग्रेस नेता कपील सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से काहा की, ‘राम मंदिर को लेकर सुनवाई 2019 तक टाल दि जाए ताकी लोकसभा चुनाव हो पाए। इसके पिछे कांग्रेस की मंशा बडी कुटील थी। काँग्रेस को लगता था की वो हिन्दू वो को बहला बुझाकर सत्ता में वापसी कर लेगी और इसके बाद राम मंदिर निर्माण पर सुनवाई हमेशा के लिए बंद कर दी जायेगी।
15) 2007 में काँग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर काहा था की,’राम, सिता, हनुमान, वाल्मिकी काल्पनिक किरदार है। इसके पहिले सोनिया गांधी ने राम को काल्पनिक बताया था।
16) काँग्रेस ने ही मुस्लीम वोट बँक को खुश करने के लिए हज में सबसिडी देने की शुरवात की थी। बल्की दुनिया में किसी भी अन्य देशो में हज पर सबसिडी नही दि जाती। लेकिन काँग्रेस सरकार ने इसकी शूरवात कर दी। और वही अमरनाथ यात्रा पर टॅक्स लगाने का पाप किया। जो काँग्रेस की हिन्दू विरोधी सोच जाया करती है।
17) काँग्रेस ने ही पहिली बार हिन्दू आतंकवाद का शब्द जडा ताकी दुनिया का ध्यान इस्लामिक आतंकवाद पर ना जाए। दुनिया में हिन्दू आतंकवाद सिध्द कराने के लिए ही काँग्रेस सरकार के ईशारे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकूर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हे यातनाए दी। गलत बयान देने के लिए उन पर तनाव डाला। लेकिन काँग्रेस का हिन्दू वो को बदनाम करने का ये पैतरा भी नाकाम हो गया।
18) तीन तलाक पर कानुन बनाने के वक्त काँग्रेस नेता कपील सिब्बल ने तीन तलाक की तुलना श्री राम से कर दी थी।
19) राहुल गांधी ने विदेश जाकर हिन्दू वो के खिलाफ प्रचार किया। राहुल ने विदेश में फैलाने की कोशीश की कि लष्कर और आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक हिन्दू आतंकी है। राहुल गांधी ने जर्मनी जाकर काहा की, भारत में महिला वो पर होने वाले अत्याचारो की जिम्मेदार हिन्दू संस्कृती है।
20) 12 जुलै 2018 को जम्मु कश्मीर में छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार ‘इंकलाब’ ने अपने फ्रंट पेज पर बडा खुलासा किया। 11 जुलै को राहुल ने मुस्लिम बुध्दीजिवियो से गुपचाप तरिके से एक सभा की, और काहा की, काँग्रेस मुस्लिमो की पार्टी है। राहूल ने ये भी काहा की उनका ओर उनकी माँ का वाधा है की मुसलमानो को उनका हक मिलना चाहिए और इसके लिए वो कभी समझौता नही करेंगे।
21) राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड को वाधा किया की वो अगर 2019 में प्रधानमंत्री बनते है तो, देश के हर जिले में शरिया अदालत बनायी जाएगी।
22) पार्टी संस्कार को मानकर काँग्रेस नेता भी अपना धर्म भुल जाते है। शशी थरूर ने हिन्दु वो को कट्टरपंथी बताया तो दिग्विजयसिंह ने काहा की, मंदीर जाने वाले चुरन बेचते है। सुशील कुमार शिंदे ने हिन्दू वो को आतंकवाद से जोडा। राहूल गांधी ने काहा की, मंदिर जाने वाले लडकिया छेडते है। आगे कहा कि मंदीर जाने वाले लंफगे होते है।
23) आज भी लव जिहाद पर कानुन बनाने पर काँग्रेस विरोध करती है जब की हजारो हिन्दू लडकिया लव जिहाद का शिकार हो रही है लेकिन काँग्रेस के मुताबीत लव जिहाद जैसी कोई चीज ही नही होती।
24) यही काँग्रेस CAA,NRC का विरोध करती है लेकिन शाहीनबाग के समर्थन में खडी हो जाती है। युनिफॉर्म सिविल कोड की बात करे तो ये विरोध दर्शाती है। जनसंख्या नियंत्रण कानुन को लाने की बात करे तो विरोध में खडी हो जाती। पार्टी भारत की है लेकिन काँग्रेस को ना तो भारत से प्यार है और नाही हिन्दु वो से।

ऐसे कही और उदाहरण है जो नेहरू गांधी परीवार की हिन्दू विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।

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