गुरु की महिमा अंनत

गुरु की महिमा अंनत
इस दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी तुलना श्री गुरु से की जा सके । गुरु की तुलना यदि सागर से करें तो सागर में लवणता है; सागर में ज्वार हैं; लेकिन सद्गुरु अखंड आनंद है। सद्गुरु की तुलना यदि कल्पवृक्ष से करें तो कल्पवृक्ष वह प्रदान करता है जिसकी हम कल्पना करते हैं ; लेकिन सद्गुरु शिष्य के विचार को मिटा देते हैं और उसे एक अकल्पनीय वस्तु की प्राप्ति करवा देते हैं; यह वाणी भी गुरु का वर्णन करने में असमर्थ है।’
गुरु की महिमा का वर्णन संतों ने इस प्रकार किया है :-
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.