हे मालिक-ए-दिल्ली,
मैं, एक शुद्ध आम आदमी, तुमसे संवाद स्थापित करना चाहता हूँ। यहाँ आम आदमी का अर्थ तुम्हारे राशन कार्ड एक्सपर्ट विधायक, बीवी को कुत्ते से कटवाने वाले मंत्री और टिकट ब्लैक करने वाले सांसद से न लगाया जाये। आम माने आम। तुम्हारे आम (जो हक़ीक़त में अंगूर निकले – जिसके डिस्टिलेशन से बने रस को पीकर तुम फिल्मों के समीक्षक बन जाते हो) और हमारे आम में फर्क है – वी आर नॉट द सेम बिरो।
अब जब बात आम पर आ ही गई है तो आम बोलकर अंगूर चखने और पीने वाले अश्लीलता के मानव रूप, तुमने पंजाब का मालिक भाग-वांट मान को भी इसीलिए बनाया है ना ताकि जब तुम महल सरीखे मूर्खमंत्री आवास में जाओ तो वहां अंगूर चखने और पीने तुम्हें अपनी मेजोरिटी मिले।
खैर, स्कूल के दिनों में अपना नाम पूछे जाने पर ‘मैं शराबी, मैं शराबी” गाने वाले भाग-वांट मान न मान, मैं परमानेंट मेहमान ने ‘नशे सी चढ़ गई ओये’ गाने को पंजाब का कैबिनेट एंथम घोषित कर दिया है। राज्य के प्रतीक चिन्ह बदल दिए गए हैं। अब बोतल पकडे गिरा हुआ इंसान नया प्रतीक है। यहाँ विजय माल्या को बाबा-ए-कौम घोषित कर दिया गया है। मानवता के विकास में किंगफ़िशर कैलेंडर से अंगूर की पेटियों तक के संवर्धन से उसने अपने प्रकृति प्रेम को ही तो बढ़ाया है वरना एक पंछी की जगह अपने ब्रांड का नाम वो दीपिका या कटरीना भी तो रख सकता था।
हे दिल्ली के मालिक केजरीवाल!!
मैं, एक आम आदमी, दो दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में तुम्हारी तक़रीर देख दंग खड़ा सोचने लगा कि कोई इंसान (बशर्ते वो इंसान हो) इतना बत्तमीज, अहमक और जाहिल कैसे हो सकता है? किसी की हत्या, बलात्कार, माफ़ कीजिये, एथनिक क्लींजिंग पर अट्टहास करे, मखौल उड़ाए, मजाक उड़वाये। फिर याद आया, तुम ताहिर हुसैन के वही रिश्तेदार तो हो जिसने दिल्ली के हिन्दू-विरोधी दंगों की साजिश रची, जिसने दिल्ली के सबसे बड़े अधिकारी मुख्य सचिव से बदसलूकी की, जिसने बत्तमीजी में नए प्रतिमान गढ़े एंड सो ऑन एंड सो फोर्थ !!
तुम राजनीति बदलने आए थे, सच में बदल गए। देश ने पहली बार लोगों पर आरोप लगाने वाला नेता देखा, सोचा पढ़ा लिखा है, शायद सच बोलता हो लेकिन जब तुमने माफ़ी पर माफीनामे लिखे, तुम्हारे बिखरे व्यक्तित्व की झलक हमने देखी।
देश ने पहली बार एक नेता देखा जो सेल्फ-ऑब्सेशन की लास्ट लिमिट है। यहाँ अपनी फेसबुक पोस्ट एक सेंसिबल इंसान लाइक नहीं करता, वहाँ तुम खुद को इकलौता ईमानदार, ब्रम्हांड नायक और सबसे परफेक्ट इंसान बताने में छिछोरपन पर उतर गए। सड़क छाप भी मूर्खमंत्री हो सकता है, किस्मत अच्छी हो, ये हमने दिल्ली विधानसभा में ही देखा।
हे आधुनिक तुगलक,
कश्मीर में हुआ नरसंहार एक नंगा सच है, उतना ही जितना मदनपुर खादर में तुम्हारे अज़ीज़ अमानतुल्ला खान का रोहिंग्या आतंकियों को बसाना, उतना ही सच जितना तुम्हारे विधायक इमरान का हिन्दुओं के अंतिम संस्कार पर प्रश्नचिन्ह खड़े करना, और लोगों की सहानुभूति बटोर सरकार बनाने के लिए आधा सच दबाना कि तुम्हारी पत्नी भी तो सरकारी अधिकारी है, बिल्कुल वैसे ही जैसे आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे भारत में सरकारी नौकर हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे बिट्टा कराटे की पत्नी सरकारी अधिकारी है।
मैं, एक आम आदमी हूँ केजरीवाल। मेरे घर तुम्हारे आम वाले 45 ए/सी नहीं लगे हैं। मैं तुम्हारे आम विधायकों सा राशन कार्ड एक्सपर्ट नहीं हूँ ना ही मैं वो हूँ जो बीवी को कुत्ते से कटवा दे ना ही सिनेमा के टिकट ब्लैक करते हुए भी राज्य सभाओं में लेटरल एंट्री पा जाने का हुनर है मुझमें।
मगर मुझमें रीढ़ की हड्डी है और सच बोल, देख, समझ सकने का हुनर भी। मेरी परवरिश अच्छे माहौल में हुई है, तुम्हारी तरह आम माने 80 हजार के अंगूर रस हमें मयस्सर भी कहाँ?
तुमने कहा फिल्म के पोस्टर लगाने वाले बीजेपी के लोग अच्छे नहीं लगते, सही कहा मगर तुम जो बॉलीवुड के सेल्स मैनेजर बन कर तीन लाइन की फ़िल्मी समीक्षा लिखते हो, वो नशे में हो जाती हैं या कोई एलियन आ कर कर जाता है? वो जो पाकिस्तान की लाइन पर चलकर सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करना, फिर देशभक्ति की नौटंकी करना भी एक कलाकौशल ही है लेकिन किसी के कत्लोगारत पर, ठहाके लगाने का हक़ तुम्हें किसी ने नहीं दिया।
एक बार अपने दोस्त के फिसल कर गिर जाने पर मेरी हंसी छूट गई थी। शिकायत हुई, पहली बार मार पड़ी लेकिन उसके बाद किसी के दुःख, दर्द और तकलीफ ने हमें संजीदा बना दिया। काश, तुम भी……. । तुम्हारे बचपन के घाव के लिए हमें सहानुभूति है तुमसे।
हे क्षेत्रवादिता के विशेषण, जिस तरह तुमने बार बिहार और यूपी के लोगों बारंबार अपमानित किया है, कोरोना काल में नीचता की हद तक गिरे हो, अपने बच्चों की कसमें खा कर भी कसम तोड़ने वाले, ऐसा निम्न स्वरुप हमने पहले नहीं देखा। सेंसेक्स से भी ज्यादा तेजी से गिरकर रिकॉर्ड बनाने के लिए तुम्हें शुभकामनाएँ !!
समय बड़ा बलवान है सडजी ! सबका हिसाब होता है, ईश्वर तुम्हारा भी करेंगे, तब, हम देखेंगे, लाजिम है कि हम भी देखेंगे !!

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