उत्तरप्रदेश माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में हिंदू सभ्यता को पुनर्जीवीत किया जा रहा है। प्रयागराज में हुए कुंभ मेले का आयोजन हो या अयोध्या में राम नवमी उत्सव मुख्यमंत्री योगी जी के सफल नेतृत्व के अंदर उत्तरप्रदेश ने हमेशा विश्व रिकार्ड दर्ज किया है। आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तरप्रदेश के जरिए हिंदू सभ्यता को विश्व में पहुंचाने का काम किया है। दिपावली के अवसर पर अयोध्या मे जलाए गये 6 लाख दियो ने अपना विश्व रिकॉर्ड बनाया। और आज देव दीपावली के महोत्सव पर फिर एक बार खोई हुई हिंदू सभ्यता को काशी में पुनर्जीवित किया गया।

देव दिपावली के पावन अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी अपने लोकसभा निर्वाचित क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। वहा उन्होने काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजा अर्चना की। कही कार्यक्रमो में हिस्सा लिया, साथ में खजुरी में जना सभा को संबोधित किया। आज दोपहर करिबन 2:10 बजे प्रधानमंत्री जी अपने विशेष विमान सें बाबतपुर एअरपोर्ट पहुंचे। वहा उन्होने काशी और प्रयागराज के बीच 2474 करोड की 6 लेन परियोजना का लोकार्पन किया। प्रधानमंत्री ने काहा कि, देव दीपावली पर काशी को मिला ये उपहार है। इसके बाद उन्होने खजुरी में जनता को संबोधित किया। कृषी बिल पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने काहा कि, 2014 के पहिले आखरी 5 साल की सरकार ने 2 लाख करोड रूपये का धान खरिदा था। लेकिन हमने 5 सालो में धान के लिए 5 लाख करोड रूपये MSP के रूप में किसानो तक पहुंचाए है। 2014 के पहिले आखरी 5 साल में गेहु के खरिद पर देड लाख करोड रुपयेयो के करिबन ही मिला, लेकिन हमने उनसे 3 गुना ज्यादा 3 लाख करोड रूपये किसानो को MSP के जरिए पहुचाए है। हम मंडीयो को बंद नही बल्कि,आधुनिक बनाना चाहते है। साथ में उन्होने काहा कि, कृषी बील किसानो के हित में है। 70 सालो में किसानो के लिए कोइ काम नही हुवा है। हमने किसानो के हित में कृषि बिल लाया है ओर जल्द ही उनकी आय दौगुना करेंगे।

खजुरी में जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री हेलीकाप्टर के जरिए डोमरी पहुंचे। वहा से क्रुज के जरिए काशी विश्वनाथ काॅरिडोर के प्रवेशद्वार तक पहुंचे। काशी विश्वनाथ काॅरिडोर सिर्फ मोदीजी का ही नही अपितु समस्त हिंदू वो का ड्रिम प्रोजेक्ट है। वहा से सिधा प्रधानमंत्री जी विश्वनाथ मंदिर गये और बाबा विश्वनाथ की पुजा अर्चना की। उसके बाद वो राजघाट पहुंचे। उन्होने एक दिया जलाकर देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया और जनता को संबोधित किया। संबोधित करते वक्त उन्होने कही बाते कहीं।

प्रधानमंत्री जी ने काहा कि, पहले काशी बार बार आता था लेकिन इस बार आने में विलंब हो गया। जब इतना समय बीत गया तो लगता था जैसे कुछ खो गया है। आज जब आया तो मन प्रफुल्लित हो गया। आप लोगों के दर्शन से मन उर्जावान हो गया। कोरोना काल में भी एक दिन आपसे दूर नहीं रहा। कोरोना के केस कैसे बढ़ रहे,अस्पताल की व्यवस्था, गरीबों को भोजन मिल रहा है या नहीं आदि से हमेशा जुड़ा रहा। काशी में जिस तरह से सेवाभाव हुआ है, वह अद्भुत है। आपके सेवाभाव को प्रणाम करता हूं। आपने गरीब से गरीब की जो सेवा की है उसने मेरे दिल को छू लिया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। मेरे लिए सौभाग्य का अवसर है कि ऐसे जगमगाते माहौल में आने का मौका मिला है। मां गंगा की अविरल धारा की तरह यहां विकास की गंगा बहती रहेगी। उन्होने आगे काहा कि, काशी की ओर पूरे विश्व का पर्यटन देख रहा है। विश्वनाथ मंदिर के साथ ही दुर्गा मंदिर और दूसरे मंदिरों को सुधारा जा रहा है। घाटों की तस्वीर तेज गति से बदल रही है। बनारस को फिर से आभा मिली है। मां गंगा का जल भी निर्मल हो रहा है। यही तो प्राचीन भारत का आधुनिक अवतार है। यही बनारस का सदा बना रहने वाला रस है। पीएम ने आगे काहा, देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। गरीबों और जरूरतमंदों को मदद दी जा रही है। आत्मनिर्भर अभियान से देश लोकल के लिए वोकल हो रहा है। देश के लोगों ने लोकल प्रोडक्ट और लोकल गिफ्ट के साथ त्योहार मनाए वो प्रेरणादायी है। हमारे त्योहार एक बार फिर से गरीब की मदद की प्रेरणा बन रहे हैं। गुरुनानक देव ने अपना जीवन गरीबों की सेवा में व्यतीत किया था। काशी में वह लंबे समय तक रहे। काशी का गुरुबाग गुरुद्वार इसका साक्षी है। पीएम मोदी ने कहा कि, मां गंगा के सानिध्य में काशी प्रकाश का उत्सव मना रही है। भोलेनाथ के आशीर्वाद से मुझे भी गंगा में डुबकी लगाने का अवसर मिल रहा है। आज काशी विश्वनाथ मंदिर गया, सारनाथ भी जाना है। यह अवसर मिलना आप काशी वासियों का विशेष स्नेह है। सौ साल पहले काशी से चोरी माता अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा फिर एक बार अपने घर लौटकर आ रही हैं। काशी के लिए यह सौभाग्य की बात है। यह मूर्तियां हमारी आस्था के साथ ही अमूल्य विरासत भी है। यह प्रयास अगर पहले किया गया होता तो कितनी मूर्तियां देश को वापस मिल जातीं। हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर। जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब अपना परिवार और अपने परिवार का नाम होता है। हमारे लिए विरासत का मतलब हमारी आस्था,हमारी संस्कृति, हमारे मूल्य। हमारा ध्यान देश की विरासत और संस्कृति बचाने पर है। संबोधन के बाद पीएम क्रुज के जरिए रविदास घाट के लिए रवाना हुए। ईस बिच उन्होने गंगा किनारों पर जलाए गये दियो को न्याहारा। चेताघाट पर लेजर शो का आनंद लिया। और रविदास घाट के लिए रवाना हुए। वाहा संत रवीदास की प्रतिमा को फुलाअर्पन किया। वहा से सडक के मार्ग से सारनाथ के लिए रवाना हुए, वहापर Light and Sound शो को देखा।

इन सभी कार्यक्रमो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री जी के साथ बने रहे। आज काशी का अद्भुत नजारा आँखो को सुकुन पहुंचा राहा था। प्रधानमंत्री जी के स्वागत में काशी दुल्हन की तरह सज उठी थी। 84 घाटो सहीत गंगा के किनारो को दिपो से रोशन किया गया था। दिपो की रोशनी में जगमगती काशी स्वर्ग का अनुभव करा रही थी।

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