इस लेख को खास चश्मे से न देखे |  

आजकल जगह -जगह रोड़ /सड़क /पार्क प्लेटफॉर्म /रेल पटरी के बीच Illegal स्ट्रक्चर देखने को मिलता है | स्ट्रक्चर की देखरेख करने वाले बाबा /बाबाओं पर लेख है|

सोचने वाली बात है की ये सब कैसे बन जाता है ? काफी गौर करने पर पता चलता है की कही न कही स्ट्रक्चर से बाबा की कृपा होती है | आइये समझने का प्रयास करते है की कैसे बाबा की कृपा होती है !!!

सबसे पहले सड़क किनारे रात के समय चार – आठ ईंटे रख कर स्ट्रक्चर की भूमिका बनाई जाती है |

सुबह सड़क की सफाई करने वाला आया, उसने ईटें उठा कर साइड की तो १ बाबा आता है और कहता है की, ईंटे रखी रहने दो, इससे बाबा की कृपा आपको मिलेगी | इससे पहले सफाईकर्मी कुछ समझा पाता, बाबा ने उसकी सर्ट पर जेब वाली साइड मे दिल पर हाथ रखा और सफाईकर्मी को महसूस हुआ की वाकई बाबा की कृपा हुई है | अब सफाईकर्मी या तो वहाँ सफ़ाई करने बहुत ही कम जाएगा या नहीं जायेगा, क्योकि बाबा की कृपा उसे लगातार मिल रही है  और दूसरी तरफ सरकार से तनख़ाह भी मिल रही है |

इस तरह यहाँ से स्ट्रक्चर का काम चालु हो जाता है | अब वहाँ का सफाईकर्मी का सुपरवाइजर आता है की सड़क पर इतनी सारी ईंटे किसने रख दी और सफाईकर्मी ने हटाई क्यों नहीं ? तभी बाबा ने आकर समझाया की बाबा की कृपा कैसे मिलेगी | बाबा की कृपा से सुपरवाईजर भी खुश……| बाबा की कृपा के बाद सुपरवाइज़र भी उसे तरफ जाना बंद कर देगा क्योकि बाबा की कृपा चालू और सरकार से तनखाह काम करने की भी लगातार मिल रही है |

इसी तरह से ये काम होता है | सरकार को चाहिए की इस तरह के स्ट्रक्चर को रोकने के लिए उस एरिया के सफाईकर्मी और सुपरवाइज़र या और कोई भी जो वहा के लिए जिम्मेदार अधिकारी हो, उस पर उसके Pay Scale के अनुपात में जुर्माना लगाया जाये और आगे की सेवा भी समाप्त की जाए| यदि कर्मी सेवा निवर्त हो गया है तो भी उस पर जुर्माना लगाना जाए, सारी सुविधाएं बंद की जायें, दंड का प्रावधान भी किया जाए, ताकि भविष्य में कोई और Illegal स्ट्रक्चर को बढ़ावा ना दे |

एक नागरिक

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