रोजगारी लॉलीपॉप और बिहार चुनाव:
आज कल हर पार्टी के नेता कह रहे हैं कि हमारी सरकार आ जायेगी तो 10 लाख नौकरी दे देंगे।
बिहार में पहली सरकार के बाद से आज तक
कांग्रेस, राजद और नीतीश जी ने 74 वर्ष तक बिहार में राज किया है जिसमे सबसे अधिक 15 से ज्यादा मुख्यमंत्री सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने दिए।
राजद और जदयू ने भी लगभग बराबर ही राज किया ।
जब थे सत्ता में तब तो दे नहीं पाए नौकरी , पलायन की शुरुआत कांग्रेस राज से सुरु हुई और आज तक जारी है।
आखिर दोष किसका राजनीतिक दलों का या जनता का तो हमारा राजनेताओं को दोष देना शायद उचित नहीं होगा क्योंकि नेता तो जीत के लिए ही चुनाव लड़ते हैं और उनका मकसद सिर्फ जीतना होता है।
याद रखें नेताओं में एक अच्छी दोस्ती होती है भले ही वह एक दूसरे के विरोधी हों पर दूरियां उनके समर्थकों में पैदा हो जाती है।
समर्थक एक दूसरे को ज्यादा ज्ञानी दिखाने की कोशिश में आपस में ही लड़ते हैं और उसी को हथियार बना कर नेता मैदान में पुनः उतर जाते हैं चुनाव में।
बिहार ने आजतक भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं दिया और जब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के लिए संकल्प लेते हैं ताकि लोगों को अपने क्षेत्र में रोजगार मिले तो लोग फिर से उन्हीं लोगों के हाथों चुनावी कटपूतली बन जाने को तैयार हो जाते हैं जिन जिन लोगों ने पहले राज किया।
जनता को क्या यह नहीं पूछना चाहिए कांग्रेस से कि जब थे सत्ता में तब रोजगार क्यों नहीं दिया, राजद से क्यों नहीं पूछते 20 वर्ष में क्या किया।
इन सब सवालों का जवाब बिहार की मिट्टी मांग रही है अपने राज पुत्रों से।
जय बिहार।
जन जन की बात
अमित कुमार के साथ।
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