देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का राग आलापने वाली कांग्रेस की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इसकी वजह सिर्फ नेतृत्व ही नहीं है, बल्कि पार्टी के नेताओं की गंदी जुबान भी एक बड़ी वजह है. जो हमेशा इसी ताक में बैठे रहते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोले. लेकिन PM मोदी और बीजेपी पर कटाक्ष करने के चक्कर में ये हर बार अपनी लिमिट क्रॉस कर देते हैं और अपनी घटिया और गिरी हुई सोच को देश के सामने रख देते हैं. भले ही इसके लिए उन्हें गाली-गलौच और किसी के लिए मौत ही क्यों न मांगनी पड़े.

एक बार फिर ऐसा ही हुआ है जब मरणासन्न की स्थिति में पहुंच चुकी कांग्रेस का गाली गैंग एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहा है. कांग्रेस में ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिश्त है जिसका काम ही सिर्फ देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द बोलना है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान देते हुए पीएम मोदी की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि “मुझे तो लगता है कि हिटलर का सारा इतिहास इसने पार कर लिया। हिटलर ने भी ऐसी ही एक संस्था बनाई थी, उसका नाम था खाकी। सेना के बीच में उसने बनाया था। मोदी हिटलर की राह चलेगा, तो हिटलर की मौत मरेगा। ये याद रखो। ये देश कांग्रेस पार्टी के शहीदों की परंपरा की पार्टी है।”

वहीं कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता शेख हुसैन ने भी पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की मौत की कामना की थी.

लेकिन ये जानकर हंसी आती है कि एक समय में इसी भारत देश में जहां कांग्रेसियों को ‘गुंडा’ कहने पर देशद्रोही मान लिया जाता था उसी देश में आज प्रधानमंत्री को गाली देने, उन्हें मारने की बातें उनके लिए मौत की दुआएं खुले मंच से की जा रही है।

सवाल ये कि आखिर कांग्रेस किस तरह की गाली परंपरा की तरफ आगे बढ़ रही है ? स्वस्थ लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्षी दल एक दूसरे पर उनकी योजनाओं उनकी रणनीति को लेकर सवाल कर सकते हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री को मारने की बातें करना उनके लिए अपशब्द बोलना क्या किसी अपराध से कम है ? विपक्ष को यह समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ बीजेपी के नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के प्रधानमंत्री हैं। उनके लिए ऐसे घटिया और अपमान जनक शब्दों का इस्तेमाल करना कहीं से भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है.

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