केंद्र की मोदी सरकार NCERT के पाठयक्रम में बड़े बदलाव लाने की तैयारी में जुट गयी है. NCERT इतिहास की पाठ्यक्रम में जिस तरह से मुगल शासकों का “महिमामंडन” किया जाता रहा है उसे लेकर बीजेपी लंबे समय से इस बात को उठाती आयी है . देखा जाए तो स्कूल में पढाने जाने वाली इतिहास की किताबों में केवल मुग़लों का गुणगान किया गया लेकिन भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में कभी भी इन किताबों में नहीं बताया गया. 2014 के बाद मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इन आतताइयों के महिमामंडन करने वाली किताबों और मुगल सल्तनत की शान में कसीदे पढ़ने वाली किताबों के पन्ने फाड़ने की तैयारी शुरू हो गयी थी.
दरअसल इसी कड़ी में अब जाकर वामपंथियों के दुलारे मुगलों को इतिहास की किताबों से हटाना शुरू कर दिया गया है . NCERT द्वारा किए जा रहे पाठ्यक्रम बदलावों में इस्लामिक शासकों से कई अध्यायों को हटाया गया जबकि कईयों को छोटा किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक क्लास 6 से 12 के लिए इतिहास की नौ वर्तमान पाठ्यपुस्तकों की छानबीन की और एनसीईआरटी में प्रस्तावित पाठ्यक्रम बदलावों से तुलना की। जांच में पाया गया कि पाठ्यक्रम में मुस्लिम शासकों से जुड़े कई बड़े बदलाव किए गए हैं। 7वीं क्लास की इतिहास की पाठ्यपुस्तक ‘हमारा इतिहास- II’ (Our Past – II) में से दिल्ली सल्तनत से जुड़े कई पेजों को हटाया गया है। इसमें मामलुक, तुगलक, खिलजी, लोदी और मुगल शासकों से जुड़े अध्याय शामिल हैं। वहीं, कुछ अध्यायों को थोड़ा कम कर दिया गया है।
यह दुर्भाग्य था भारतीय एजुकेशन सिस्टम का कि जिन पाठ्यपुस्तकों में आततायी आक्रमणकारियों का पर्दाफाश किया जाना चाहिए था। उनकी खूनी हकीकत सबके सामने आ जानी चाहिए थी। उसे छिपाकर रखा गया. देखा जाए तो भारत में इतिहास की किताबें वामपंथी इतिहासकारों द्वारा लिखी गई हैं, जो हिंदू राजाओं के योगदान की उपेक्षा करते आए हैं .
आपको याद होगा कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने एक पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा था कि “भारत में अधिकांश इतिहासकारों ने पांड्यों और चोलों जैसे कई साम्राज्यों के गौरवशाली नियमों की अनदेखी करते हुए केवल मुगलों के इतिहास को दर्ज करने को प्रमुखता दी है। हम शिकायत करते हैं कि भारत के इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। भारत के गौरवशाली इतिहास को कोई नहीं बताता, लेकिन अब समय आ गया है कि इतिहास को फिर से लिखा जाए। भारत के इन साम्राज्यों पर संदर्भ पुस्तकें लिखी जाएं ताकि जिस इतिहास को हम गलत मानते हैं वह धीरे-धीरे मिट जाए और सच्चाई सामने आए।”
ये भारत के लिए ये बेहद शुभ संकेत है कि भारत आज भी अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो रहा है, उन्हें संभाल रहा है और भारत एक बार फिर एक नया इतिहास लिख रहा है जिस पर हर देशवासी को गर्व करना चाहिए ।
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