‘संगम टॉक्स’ की संपादिक तान्या ने यह आवाहन किया कि, ‘पिछले कुछ वर्षाें से इस्लाम को महत्त्व देनेवालीं तथा हिन्दू धर्मविरोधी फिल्में बनाई जा रही हैं । ऐसी फिल्मों में नायक को मुसलमानप्रेमी, तो हिन्दुओं को खलनायक दिखाया जाता है । इन फिल्मों में ‘लव जिहाद’को प्रोत्साहन दिया जा रहा है; परंतु अब हिन्दू जागृत होकर इन फिल्मों का बहिष्कार कर रहे हैं; इसलिए बॉलिवुड की आर्थिक हानि हो रही है । ऐसे में सुनील शेट्टी जैसे हिन्दू अभिनेता को आगे कर, तथ्यों से दूर भागने का प्रयास किया जा रहा है; परंतु अभी भी बॉलिवुडवाले क्षमा मांगने के लिए तैयार नहीं हैं । इसमें बडे स्तर पर पैसों का खेल चलता है । बॉलिवुड ने धन की आपूर्ति करनेवाले गिरोह को ही अपना सर्वस्व मान लिया है; परंतु वास्तव में दर्शक ही सर्वस्व हैं, इस बात को वे भूल गए हैं । अतः उन्हें जबतक इसका भान नहीं होता, साथ ही जबतक वे इसके लिए क्षमा नहीं मांगते; तबतक हिन्दुओं को मुसलमानप्रेमी फिल्मों का बहिष्कार करते रहना चाहिए ।’ हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘लव जिहाद में बॉलिवुड का साथ !’ विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रही थीं ।
इस अवसर पर लेखक, स्तंभलेखक एवं शोधकर्ती श्रीमती रती हेगडे ने कहा कि ‘बॉलिवुड की फिल्मों एवं वेबसीरिज में विवाहपूर्व एवं विवाहबाह्य संबंध सामान्य बात है, ऐसा दिखाया जा रहा है, हिन्दू धर्म की परंपराएं पुरानी तथा घीसीपीटी हैं, अन्य पंथों के धार्मिक कृत्य तथा उनके धर्मगुरु उदात्त विचारधारावाले हैं; ऐसा भी दिखाया जाता है । साथ ही हिन्दू लडकी का मुसलमान लडके के साथ प्रेमसंबंध ही आदर्श प्रेम है; ऐसा भी दिखाया जाता है । केवल यही लडके हमारा सम्मान रख सकते हैं तथा हमें स्वतंत्रता दे सकते हैं; ऐसा दिखाया जाता है । वास्तव में यह धर्मांतरण का बडा षड्यंत्र है, जो हिन्दू लडकियों की समझ में नहीं आ रहा है । जिससे हिन्दू लडकियां ‘लव जिहाद’ के चंगुल में फंस जाती हैं ।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कहा कि, ‘केवल फिल्में हीं नहीं, अपितु जो विज्ञापन दिखाए जाते हैं; उनमें भी हिन्दुओं की अनेक प्रथा–परंपराओं पर आघात किए जाते हैं, साथ ही हिन्दुओं के मन में पुरानी परंपराओं के प्रति हीनभाव उत्पन्न कर अब उनमें परिवर्तन लाने का समय आ गया है; यह संदेश दिया जाता है । अभिनेता सुनील शेट्टी ‘सभी बॉलिवुडवाले बुरे नहीं हैं’, ऐसा बोलते हैं; परंतु जब ‘लव जिहाद’को बढावा देनेवाली फिल्में अथवा विज्ञापन आए, तब उन्होंने उसके विरुद्ध आवाज क्यों नहीं उठाई ? आज जब इसके लिए बॉलिवुड ट्रोल किया जा रहा है, तब आप हिन्दुओं की आवाज दबाने के लिए आगे क्यों आए हैं ? केवल व्यवसाय तथा पैसों के सामने आपको देश एवं धर्म के प्रति कुछ भी क्यों नहीं लगता ?
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