विश्व के कई देशों से खबरें आ रही हैं कि भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन वहां पहुँच रहीं हैं जो उनके पहली पंक्ति के कर्मचारियों को दी जायेंगी। प्रमुख और जानने लायक बात ये है कि ब्राज़ील और मोरक्को को छोड़ बाकि देशों को ये वैक्सीन मुफ्त और मानवीय आधार पर दी गयी है। चाहे वो नेपाल हो,भूटान,बांग्लादेश,म्यांमार,मालदीव्स,शिशिल्स या मॉरिशस हो।अफगानिस्तान और श्रीलंका को भी जल्द ही ये वैक्सीन मानवीय आधार पर मुफ्त दी जाएगी।
विश्व के बड़े नेताओं और संस्थानों ने भारत के इन प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। ब्राज़ील के राष्ट्रपति बालसानेरो ने तो इस वैक्सीन की तुलना संजीवनी तक से कर दी। जब अमेरिका और यूरोप सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से गुज़र रहे हैं और अपने राष्ट्र की चिंताओं में लीन हैं तब भारत एक नए विश्वनायक के रूप में उभरा है। कोरोना काल के दौरान भी भारत ने पूरे विश्व में दवाओं की निर्बाध सप्लाई जारी रखी। जब विश्व के सभी देशों ने दूसरे देशों को मेडिकल सप्लाई बंद कर दी थी,अमेरिका जैसे देश ने कहा पहले वैक्सीन अमेरिका के लोगों को लगेगी तभी उसे अन्य देशों को दिया जायेगा। ऐसे में भारत ने ये बीड़ा उठाया और विश्व फार्मेसी की अपनी भूमिका निभाई।
भारत के ऐसा करने के दो कारण हैं पहला तो मानवीय और भारत के “वसुधैव कुटुंबकम” वाले संस्कार – भारत मानवता का विश्व में सबसे बड़ा ध्वजवाहक है। कभी किसी देश पर आक्रमण ना करना,सदा शांति को प्राथमिकता देना और सहायता के लिए सबसे पहले आगे आना ये सारे भारत के “वसुधैव कुटुंबकम वाले संस्कार ही है। दूसरा व्यवसायिक और कूटनीतिक – कोरोना महामारी से पहले पूरा विश्व मेडिकल सप्लाई के लिए चीन के ऊपर निर्भर था किन्तु भारत अब एक प्रबल विकल्प के रूप में विश्व के सामने आ खड़ा हुआ है भारत ने इस संक्रमण काल के दौरान ना सिर्फ अपनी क्षमताएं बढ़ाई बल्कि भारतीय फार्मा इंडस्ट्री की ताकत से पूरी दुनिया को वाकिफ भी कराया है। ये प्रयास कूटनीतिक रूप से भी भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं,इस संक्रमण काल में विश्व ने चीन की धूर्तता,अमेरिका का खोखलापन व स्वार्थपरकता तथा यूरोप का धाराशायी होना देखा है,इसी बीच भारत ने अपनी क्षमताओं,उदारता और निःस्वार्थता को दिखाया है। भारत ने अपने दृढ़ चरित्र का प्रदर्शन विश्व के सामने किया है,इससे ना सिर्फ भारत कि छवि सकारात्मक रूप से दृढ हुयी है बल्कि भारत के नेतृत्व को पूरे विश्व से समर्थन भी मिला है। फ़िलहाल भारत अपनी योजना पर सफलता से काम कर रहा है और आशा है कि #वैक्सीन_मैत्री के अपने इस अभियान में भारत पूर्ण रूप से सफ़ल भी होगा।

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