महाराष्ट्र के हालात, कोन है जिम्मेदार?
मिडिया पर बहुत कम दिखाई देने वाला महाराष्ट्र, कही महिनो से न्युज चैनलो की सुर्खिया बना हुवा है।
मिडिया पर बहुत कम दिखाई देने वाला महाराष्ट्र, कही महिनो से न्युज चैनलो की सुर्खिया बना हुवा है।
देश भर में आज महाराष्ट्र चर्चा का विषय बना हुवा है। जिस महाराष्ट्र का नाम मिडिया पर बहुत कम दिखाई देता था, कही महिनो से वही महाराष्ट्र न्युज चैनलो की सुर्खियो में बना हुवा है।
कल सुबह करिबन 6 बजे महाराष्ट्र सरकार ने अपनी सारी सिमाए लांघ कर जो कृत्य एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ किया उसे पुरे भारत ने देखा। कैसे मुंबई पुलीस ने महाराष्ट्र सरकार के ईशारे पर लोकतंत्र को कुचलने का काम किया ईसका पुरा भारत साक्षी है। ये सिर्फ कल की बात नही है, कही महिनो से महाराष्ट्र की सरकार अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक नेटवर्क के पिछे पडी है। अर्नब गोस्वामी द्वारा की गयी बेबाक पत्रकारिता, निडरता, उनका सवाल पुछने का जज्बा, सच को दिखाने का हौसला देश की जनता को ईतना पसंद आया की कल उनके गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश देश की जगाह जगाह दिखने को मिला। पालघर में हिन्दु साधु के हत्या का सच हो या सुशांत, दिशा सालियान मर्डर केस के सबुत हो उसे अर्नब गोस्वामी ने निडरता से जनता के सामने रखा। हाथरस हो या शाहीनबाग हर मुद्दे को उन्होने जनता के सामने रखा। भारत का वो एक लौता चैनल है जिस के लाइव डिबेट पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगते है, उन्होने साधु संतो को लाइव डिबेट पर बोलने का मौका दिया, पालघर के साधु वो के न्याय के लिए आवाज उठाई और तभी महाराष्ट्र की सरकार में बैठी हिन्दु विरोधी कॉग्रेस सरकार बौखला गयी। पालघर, सुशांत केस पर महाराष्ट्र सरकार से सवाल पुछना महाराष्ट्र की सरकार को ईतना बुरा लगा की उनके लिए रिपब्लिक को बंद करना मुख्य उद्देश बन गया। रिपब्लिक ही नही हर वो शक्स महाराष्ट्र सरकार के निशान पर आ गया जो सरकार के खिलाफ बोलने लगा। समीत ठक्कर, रिटायर्ड नेवी पुलिस आँफिसर,अभिनेत्री कंगना रानावत और कही ऐसे सोशल मिडीया युजर्स है जिन्हे सरकार के प्रताडना का शिकार होना पडा। अर्नब गोस्वामी के गिरफ्तारी के खिलाफ देश की जनता एकजुट होकर देश के जगाह जगाह पर आंदोलन कर रही है, अर्नब के रिहाई के साथ महाराष्ट्र सरकार को बरखास्त करने की माँग पुरा देश कर रहा है। आगे क्या होगा, केन्द्र सरकार ईस पर क्या अँक्शन लेगी इस बात का हमे पुरा भरोसा है। माँग यही है की अर्नब को जल्दी बेल मिल जाए।
कही महिनो से महाराष्ट्र के जो हालात है उसके आखिर जिम्मेदार कोन है? महाराष्ट्र सरकार आपातकाल जैसा कृत्य कर रही है। हम मानते है की, भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई अँग्रीमेन्ट साइन नही हुवा था। हम जानते है की शिवसेना झुट बोल रही थी। पुरा विश्वास शिवसेना ने जनता का तोड दिया। आज क्या हो राहा है उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद पर है लेकिन सरकार कोई और चला राहा है। वैसे ही भाजपा होती तब होता। गठबंधन भी नही टुटता, सरकार भी नही जाती, और सबसे बडी बात महाराष्ट्र में आज आपातकाल जैसे हालात नही होते।
कैसी राजनिती थी, इससे क्या फायदा होगा। ये राजनीती का खेल जनता नही जानती। वो बस यही जानती है की शिवसेना ने महाराष्ट्र की जनता को धोका दिया है। हमे कॉग्रेस की सरकार चाहिए होती तो वो भाजपा को चुनकर नही देती। क्युकी काॅग्रेस क्या है ये सब जानते है,शिवसेना भी काँग्रेस के साथ मिलकर कॉग्रेस जेसी गद्दार हो गयी है। सिर्फ भाजपा से ही आशा थी। हमे पता था की कॉग्रेस सरकार आने के बाद ऐसे ही हालात होंगे।
मै भाजपा के खिलाफ नही हु। मैने हमेशा से भाजपा का समर्थन किया और करुंगी। समय आया तो भाजपा के लिए अपनी जान भी दे देंगे। लेकिन कही तो दुःख होता है। आज बिजली की समस्या है,किसान को राज्य सरकार से कोइ समर्थन नही मिल राहा है। कही विकास नही है। भाजपा थी तब सभ कितना अच्छा था। हमे सबकुछ चल जाता लेकिन महाराष्ट्र की पावन भुमी पर गद्दारो राज का कभी नही। एक निर्णय और महाराष्ट्र के ये हाल!
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.