एक तो देश में कोरोना से हो रही मौतों का आंकड़ा पहले ही कम नहीं है लेकिन रही सही कसर चौपट व्यवस्थाएं पूरा कर दे रही हैं, खास तौर से महाराष्ट्र में जिस तरह से हालात खराब हो रहे हैं वो किसी से छिपे नहीं है , कोरोना के मामले में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा, लापरवाही का आलम भी सबसे ज्यादा उद्धव के राज्य में ही दिख रहा है, दरअसल मुंबई के विरार के एक कोविड अस्पताल में आग में जलकर 14 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, लेकिन सरकार के मंत्रियों को संवेदना के नाम पर दो शब्द बोलना मानो भारी पड़ जाता है , लेकिन उटपटांग बोलने में ये पीछे नहीं रहते हैं, विरार में 14 लोगों की मौत पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से जब घटना के बाबत पूछा गया तो उनका साफ कहना था ‘यह कोई नेशनल न्यूज नहीं है’
स्वास्थ्य मंत्री के ऐसे जवाब पर जब पत्रकारों ने पूछा कि 14 लोग मर गए हैं और कह रहे हैं कि नेशनल न्यूज नहीं है, तो इसपर राजेश टोपे ने कहा, “बाबा यह राज्य सरकार के हद तक हम जरूर पूरी मदद करेंगे, 5 लाख रुपए राज्य सरकार की तरफ से, 5 लाख रुपए महानगर पालिका की तरफ से। 10 लाख रुपए की मदद होगी, जिस तरह से नासिक में घटना घटी है उसी तरह से मदद करेंगे। फायर ऑडिट, स्ट्रक्चरल ऑडिट, इलेक्ट्रिक ऑडिट हर बिल्डिंग के लिए जरूरी होता है, वो अगर लागू नहीं हो रहा है तो जो लागू नहीं कर रहे उनपर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसमें डिटेल जांच की जाएगी 10 दिन मे जांच रिपोर्ट प्राप्त करेंगे और उसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ 100 प्रतिशत कार्रवाई की जाएगी, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, हमारी पूरी संवेदना उन सभी के परिवारों के प्रति है जिनके रिश्तेदारों की मृत्यु हुई है।”
मंत्री जी आप चाहे 14 मरीजों की दर्दनाक मौत पर कितना ही मुआवजे का मरहम लगा ले लेकिन आपने जो बयान दिया है उसपर क्या सफाई देंगे. क्या मौत राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय भी होती है क्या ये आपको समझाने की जरुरत है . महाराष्ट्र में एक तो पहले ही उद्धव सरकार कोरोना को काबू में कर पाने को लेकर हर मोर्च पर फेल नजर आ रही है , वो राज्य को देखें या फिर आप जैसे मंत्रियों को बोल पर लगाम लगाएं,।

 

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