आज उत्तर प्रदेश उन राज्यों में गिना जाता है जहां जनकल्याण की सैकड़ों योजनाएं चल रही हैं. पहले की सरकारें लूटखसोट में लगी रहती थी और जब पुछा जाता की कुछ काम कर लो गरीबों के लिए तो उत्तर मिलता था पैसा ही नहीं है सरकार के पास. जहाँ पहले की सरकारें आमदनी अठन्नी खर्चा रुपय्या पर चलती थीं, योगी जी की सरकार सूबे के ख़ज़ाने को भरने के लिए नित नए उपाय करती है ताकि जन कल्याणकारी योजनाओं को फंड किया जा सकेI

आइये देखते हैं ऐसे तरीकों को…

 

प्रदेश को फिल्मों की शूटिंग के लिए उपयुक्त बनाया है योगी सरकार नेI पहले फिल्म डायरेक्टर डरते थे यूपी के जंगलराज सेI शूटिंग करना न सिर्फ ख़तरनाक था, साथ ही सरकारी परमिशन मिलना मुश्किल थाI पर आज योगी सरकार बाहें खोले फिल्म निर्माताओं का स्वागत कर रही हैI शूटिंग के लिए अब मिल रही है ऑनलाइन परमिशन – पिछले पांच सालों में दर्जनो फिल्मों जैसे ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा,’ ‘रेड,’ ‘आर्टिकल 15’ ‘बरेली की बर्फी,’ इत्यादि की शूटिंग यूपी में हुई हैI यही नहीं फिल्म इंडस्ट्री को यूपी की ‘फिल्म पॉलिसी’ भी बहुत पसंद आयी हैI

माफियाओं और बदमाशों की 15 अरब से अधिक की संपत्ति को ज़ब्त किया है योगी सरकार नेI ये भी सरकारी खजाने में ही जायेगी। प्रदेश को लूटने वालों को बिल्कुल रॉबिनहुडस्टाइल में सबक सिखाया है योगी जी ने. अब गरीबों की छीनी हुई ज़मीनों को ना सिर्फ माफियाओं ने वापस किया है साथ ही तौबा भी कर ली है की वो अब ऐसा नहीं करेंगे.

तीस लाख फर्जी राशन कार्ड धारकों और राशन कार्डों को हटा कर प्रदेश के ख़जाने के लिए योगी सरकार ने बचाये 1600 करोड़ रुपये. बंगलादेशी घुसपैठिए, रोहिंग्या और राशन माफिया ने आतंक मचा रखा था, गरीबों का राशन बांग्लादेश और नेपाल में बेंच दिया जाता था, अब गरीब का राशन गरीब को ही मिल रहा है.

ई-टेंडरिंग से योगी सरकार ने सूबे के लिए सालाना करीब 5000 करोड़ की बचत की. पहले तो अखिलेश यादव टेंडरिंग करते ही नहीं थे, खनिज घोटाला ऐसे ही तो हुआ था, अपने चहेतों को खादाने बेंच दिया था अखिलेश ने.

इन सबके अलावा योगी जी के ईमानदार प्रशासन ने हज़ारों करोड़ की बचत सूबे के लिए की हैI जी हाँ, वो हज़ारों करोड़ जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता थेI इसका सीधा फ़ायदा गरीबों और वंचितों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से मिल रहा है.

 

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