बिहार के गोपालगंज के रहने वाले वैवेल रामकलावन (Wavel Ramkalawan) हिंद महासागर में बसे देश सेशेल्स (Seychelles) के राष्ट्रपति चुने गए हैं.

उनके पूर्वज गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के परसौनी गांव के रहने वाले थे और 135 साल पहले गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गए थे. इसके बाद वे सेशेल्स चले गए और वहीं बस गए.

2 साल पहले अपने गांव आए थे रामकलावनबताया जा रहा है कि वैवेल रामकलावन (Wavel Ramkalawan) दो साल पहले परसौनी गांव आए थे और अपने पुरखों की मिट्टी को माथे से लगाया था.


तब गांव के लोगों ने उनका जबर्दस्त स्वागत किया था.पुरखों के गांव में मिले प्यार से अभिभूत वैवेल रामकलावन ने कहा था कि वे इस नेह-छोह को कभी नहीं भूल पाएंगे.उन्होंने दोबारा परसौनी आने का वादा किया था और यह भी कहा था कि अबकी आऊंगा तो सेशेल्स का राष्ट्राध्यक्ष बनकर आऊंगा.


वैवेल रामकलावन को मिले 55 फीसदी मत लिन्योन डेमोक्रेटिक सेसेल्वा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रामकलावन ने सेशेल्स के राष्ट्रपति के चुनाव में यूनाइटेड सेशेल्स पार्टी के डैनी फॉरे को भारी मतों से शिकस्त दी है. उन्हें करीब 55 फीसद मत मिले हैं और अब वे सेशेल्स (Seychelles) के राष्ट्रपति हैं.भारतवंशी वैवेल रामकलावन को लगातार छह प्रयासों के बाद यह कामयाबी मिली है.गांव वालों को रामकलावन के परसौनी आने का इंतजार है.


रामकलावन(WavelRamkalawan) के राष्ट्रपति चुने जाने की खबर से परसौनी गांव के लोगों में खुशी की लहर है. ग्रामीणों ने इस पर हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि हमारे गांव का कोई वंशज सेशेल्स जैसे देश का राष्ट्रपति चुना गया है.गांव वालों ने कहा कि अब हम सभी उनके परसौनी आने का इंतजार कर रहे हैं|

(पाठ्य सामग्री ,अंतर्जाल द्वारा प्राप्त )

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.