जहां एक तरफ प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महिला वोटरों के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश में हैं जिसके लिए वो ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के नारे का इस्तेमाल जोरशोर से कर रही हैं, वहीं उनके अपने कांग्रेस शासित प्रदेश में लड़कियों के लिए लड़ने वाला कोई नहीं है .
राजस्थान में दुष्कर्म के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, और सवाल यही उठ रहा है कि आखिर राज्य सरकार और भाई-बहन की जोड़ी मौन व्रत क्यों साधे हुए हैं. राजस्थान के बूंदी जिले में दुष्कर्म की ऐसी खबर सामने आयी है जिसने हैवानियत की सारी हदे पार कर दी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बूंदी में 23 दिसंबर को 16 साल की नाबालिग से तीन दरिंदों ने रेप किया था, गैंगरेप के बाद पीड़िता की गला दबाकर हत्या कर दी थी. लेकिन उनकी हैवानियत यहीं नही रुकी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दरिंदे मौत के बाद भी शव के साथ दुष्कर्म करते रहे और लड़की के शरीर को नोंचते रहे. पीड़िता के प्राइवेट पार्ट सहित पूरे शरीर पर चोट के 30 से ज्यादा निशान हैं.
पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी लड़की के पड़ोसी थे, बच्ची जब बकरियां चराने गई थी तभी इन दरिंदों ने उसे अपने हवस का शिकार बनाया. पीड़िता की चुन्नी से पहले उसका हाथ और गर्दन बांध दिया और जब उसने खुद को बचाने की कोशिश की तो उसे जान से मार डाला. वहीं इस घटना पर बूंदी के एसपी जय यादव का कहना है कि ‘’मैंने अपने कार्यकाल में ऐसी दरिंदगी नहीं देखी, बच्ची के शव की हालत देखी नहीं जा सकती’’
लेकिन टीवी डिबेट से ये खबर गायब है, इस बच्ची के इंसाफ के लिए किसी ने आवाज नहीं उठायी. खुद को आदिवासियों का मसीहा बताने वाले अंडरग्राउंड हो गये हैं. अगर ये घटना उत्तर प्रदेश में हुई होती तो तस्वीर ही अलग होती, तमाम बड़े मीडिया चैनलों के कैमरे से लेकर सड़क पर विपक्षी दलों के नेताओं का तांता लग जाता, लेकिन ये मामला राजस्थान का है जहां कांग्रेस का शासन है. आखिर में सवाल यही कि राजस्थान की लड़कियों को इंसाफ कब मिलेगा उम्मीद है प्रियंका गांधी इसका जवाब जल्द देंगी ।
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