हमारी हिंदू संस्कृति में कई विशिष्ट त्योहार हैं, फिर भी भारत में वेलेंटाइन डे, मदर्स डे, चॉकलेट डे आदि मनाया जा रहा है ।वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है? इस बारे में कहीं भी किसी भी सवाल का सही उत्तर नहीं मिलता है। विभिन्न जालस्थलों (वेबसाइट) ने वेलेंटाइन डे के इतिहास को एक रहस्य बताया है। यूरोप में अभी भी इस बात को लेकर अस्पष्टता है कि वैलेंटाइन नाम की उत्पत्ति वास्तव में किसके साथ हुई थी।
इस दिन देशद्रोही वैलेंटाइन को उसके राष्ट्र विरोधी कृत्यों के लिए फाँसी दी गई थी। तीसरी शताब्दी में रोम में वैलेंटाइन नाम का एक पादरी था। उस समय के राजा क्लॉडियस द्वितीय के आदेश की अवहेलना करने के कारण राजा ने वेलेंटाइन को मारने का आदेश दिया था । ऐसे वेलेंटाइन को क्या संत वेलेंटाइन कहा जा सकता है?

ये विभिन्न ‘दिन’ वासना, कामुकता, विकृति, अश्लीलता और अनैतिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैलेंटाइन डे के नाम पर प्लास्टिक में लिपटा 1 रुपये का गुलाब 20 रुपये में, महंगे ग्रीटिंग कार्ड, चॉकलेट, पार्टियों में बाहर 70 रुपये में मिलने वाली बीयर 200 रुपये की होती है ! ये सभी सुख अस्थायी हैं। इस तरह से कार्य करना चरित्र को भ्रष्ट करता है, उग्रवाद को बढ़ावा देता है, वासना को बढ़ाता है और कई दोषों को बढ़ावा देता है। हमारे क्रांतिकारियों ने देश को स्वतंत्र कराने के लिए बहुत प्रयास किए। कई क्रांतिकारी देश के लिए फांसी पर चढ़े, परिवार खोए, बच्चे सड़कों पर उतरे , तब जाकर देश स्वतंत्र हुआ। क्या उन्होंने इसी अनैतिक व्यवहार के लिए यह बलिदान दिया था ? कम से कम युवा पीढ़ी को इसके बारे में पता होना चाहिए और ऐसी विकृतियों को अपने देश से बाहर करना चाहिए।

एक निजी कंपनी के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि दुनिया भर में और संयुक्त राज्य अमेरिका में वैलेंटाइन डे के आसपास अदालत में दायर तलाक के मामलों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान, यह देखा गया है कि विवाहित पुरुषों और महिलाओं के विवाहेतर संबंधों के परिणामस्वरूप तलाक की दर में वृद्धि हुई है। पश्चिमी देशों की आँख बंद करके नकल करने की भारतीय नागरिकों की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए, भारतीयों को यह समझना चाहिए कि ऐसी स्थिति भारत में भी उत्पन्न होगी। ऐसे ही गलत कृतियों के कारण इस देश में भारतीय संस्कृति की अपार क्षति हुई है। इस दिन भारत में बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ जाती हैं। गर्भ निरोधक गोलियों की बिक्री भी बढ़ी है। अतः ऐसे दिनों का बहिष्कार करना चाहिए !

अतः जनता को वैलेंटाइन डे के अवसर पर विदेशी कंपनियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की लूट को ध्यान में रखना चाहिए और ऐसे विकृत दिनों को सदैव के लिए दूर कर देना चाहिए।

‘वैलेंटाइन डे’ ईसाई पंथ से जुड़ा हुआ है। इस दिन को मनाकर हम एक दिन का वैचारिक परिवर्तन कर रहे हैं।
अमेरिका के कुछ देशों सहित चीन, इटली, स्वीडन, नॉर्थ कोरिया, इथियोपिया आदि देशों में यह दिन नहीं मनाया जाता; अपितु पाकिस्तान, इरान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे इस्लामी देशों में वैलेंटाइन डे मनाने पर कठोर दंड का भी प्रावधान है । ऐसे में यह दिन हम क्यों मना रहे हैं, इसका विचार करना चाहिए !

रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

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