हाथरस कांड के बाद से एक बहुत ही मार्मिक स्लोगन चल रहा था ‘लड़की थी तो जला दी, गाय होती तो शहर जला देते!’ इस वाक्य को पढ़ कर हर आदमी का हृदय कांप जाता था और वो सोचने पर मजबूर हो जाता था कि क्या सही में ऐसा है? फिर अचानक राजस्थान में एक हिन्दू पुजारी को जिंदा जला दिया जाता है तब ये सभी लोग गायब हो जाते हैं बिल्कुल अंतर्ध्यान टाइप! फिर समझ आती है पूरी कहानी की वो कौन लोग थे जो इस मार्मिक वाक्य को हर जगह चेंप रहे थे… ये वो लोग थे जो हिन्दुओं की एकता के विरोधी हैं क्योंकि सिर्फ और सिर्फ यही एक कारण है इसी से सभी कारण जुड़े हुए हैं… क्योंकि यही कारण भाजपा के जीतने का, यही कारण है जातिवाद खत्म होने का, और आखिरी में यही कारण है हिन्दुओं की आंखें खुलने का जिससे उन्हें पता चला कि गाय पर शहर नहीं जलते… शहर जलते हैं कार्टून बनने पर, शहर जलते हैं फेसबुक पोस्ट पर, शहर जलते हैं मोहम्मद पर टिप्पणी करने पर, शहर जलते हैं किसी मुसलमान पर होली का रंग फेंकने पर, शहर जलते हैं मुसलमानों की गलियों से दुर्गा पूजा की मूर्ति निकलने पर, शहर जलते हैं दूसरे देश के मुसलमानों को भारत से बाहर निकालने पर… और भी बहुत से कारण हैं शहर जलने के लिखने लग गया तो उम्र निकल जायेगी… और हमेशा शहर “तुम्हारी” वजह से जलता है इस “तुम्हारी” में वो सब आते हैं जो हिन्दूओं की आपसी एकता के विरोधी हैं तुम सब कारण हो शहर के जलने के, तुम्हारी वजह से उनको बल मिलता है दंगे करने का! मैं जानता हूँ तुम यही सोचते हो कि तुम सही हो और हम गलत… ऐसा ही कुछ हम भी सोचते हैं लेकिन फिर भी एक बार जरूर सोचना की क्या पूरा विश्व की गाय की वजह से ही जल रहा है? और मैं मानता हूं तुम अपने मन में यही सोचते हो कि सब एक जैसे नहीं होते मैं भी पहले कभी कभी सोचता था, लेकिन एक बार उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जा कर देखना की उन्होंने राजस्थान के बारे में कुछ लिखा है या नहीं? राजस्थान क्या हज़ारों उदाहरण मिल जाएंगे, इन्होंने वहीं बोला है जहां हिंदुओं की एकता खंडित हुई है…. अंत में यही कहूंगा दूसरी तरफ खड़े अपने मित्रों से कि उन्हें शहर के जलने से ना मतलब था ना है और ना रहेगा, उन्हें तो मज़ा आता है जलते शहर पर हाथ सेंकने में…

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.