बेनीपट्टी विधान सभा का अस्तित्व आने के बाद से अब तक पिछले करीब 65 वर्षों में देखा जाए तो कोंग्रेस, सीपीआई, राजद, जदयू ने 60 वर्षों तक इस सीट पर जीत हासिल की है।
ज्ञात रहें इतने विधायक देने के बाद भी ना ही कांग्रेस ना ही सीपीआई ने कोई विकास की रूप रेखा तैयार की और ना ही कोई ठोस आधार दिए क्षेत्र को।
चुनाव होना और जनता को वोट देना यहीं तक सीमित हो चुका था क्षेत्र की राजनीति।
सन 2010 तक अधिकांश क्षेत्र में ना कोई सड़क की सुविधा थी ना ही ठीक से बिजली की सुविधा थी।
जहां ग्रामीण इलाकों में एक साथ दो रिक्शे तक नहीं चल सकते थे और आज हम उस क्षेत्र को रेल से जोड़ने की बात कर रहे हैं तो इसका श्रेय जाता है भाजपा द्वारा दिए गए एकमात्र विधायक श्री विनोद नारायण झा को जिन्होंने 5 वर्ष के अपने कार्यकाल में क्षेत्र में कई विकास कार्य किए।
सन् 2015 एक बार फिर चुनावी मौसम था पर राजनीतिक उलट फेर, जातीय समीकरण ने उस विकास रथ को रोक दिया और उसके परिणास्वरूप पुनः कांग्रेस पार्टी को पैर पसारने का मौका दिया।
फिर 2020 में चुनावी मौसम अपने चरम को प्राप्त कर रहा है।
मौजूदा कांग्रेस की राष्ट्रीय नेतृत्व जो बार बार सवालों के घेरे में रही है इस बार भी बिहार में कोई ठोस योजना को लेकर आने की वजाए अपने वही पुराने ढर्रे पर आ गई है।
राज्य में राजद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और सिर्फ इसके लिए कांग्रेस के साथ है यह जगजाहिर है।

श्री विनोद नारायण झा को एक मौका तो देना बनता ही है।

जन जन की बात
अमित कुमार के साथ।

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