इस अधिवेशन में बालाजी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, हरियाणा के निदेशक श्री जगदीश चौधरी ने बताया कि वर्ष 1829 में भारत में 675,000 विश्वविद्यालय थे। 1849 में अंग्रेजों द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 91 प्रतिशत भारतीय शिक्षित थे। जबकि यह गलत प्रचारित किया जाता है कि ‘प्राचीन भारत में महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था।’ अंग्रेजों की मान्यता थी कि ‘जब तक भारतीय शिक्षा व्यवस्था नष्ट नहीं हो जाती, तब तक भारत पर शासन नहीं किया जा सकता।’ अत: अंग्रेजों ने भारतीय विश्वविद्यालयों को नष्ट करके भारत में अपनी शिक्षा प्रणाली लागू की। आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग शिक्षा से होकर गुजरता है। अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करके आध्यात्मिक उन्नति का यह मार्ग अवरुद्ध कर दिया। भारत भले ही आजाद हो गया है, लेकिन शिक्षा के मामले में हम आज भी आजाद हैं। भारत में इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में आक्रमणकारियों का इतिहास पढ़ाया जाता है। ऐसा इतिहास पढ़ाया जा रहा है जिसमें भारतीय संस्कृति शामिल नहीं है। विज्ञान की पाठ्यपुस्तकें भारत में हुए शोध के बजाय विदेशों में हुए शोध की जानकारी देती हैं। भारतीय इतिहास की पुस्तक में भारतीय इतिहास का समावेश होना चाहिए। अंग्रेजों ने शिक्षा की एक ऐसी प्रणाली बनाई जिसने भारतीयों को आत्मनिर्भरता के बिना गुलाम बने रहने की अनुमति दी। इस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था से अंग्रेजों ने भारतीयों की कमर तोड़ दी। भारतीय शिक्षा मोक्ष की ओर ले जाएगी। ऐसी महान शिक्षा प्रणाली को भारतीय शिक्षा में शामिल किया जाना चाहिए।
“लव जिहाद के विरुद्ध केन्द्रीय स्तर पर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता” – यति माँ चेतनानन्द सरस्वती
16 से 22 जून को गोवा में आयोजित “वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव” में उत्तर भारत के विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठों ने हिन्दू राष्ट्र निर्माण हेतु अपने विचार व्यक्त किए। इस महोत्सव में डासना पीठ,गाजियाबाद की महंत यति माँ चेतनानन्द सरस्वती ने कहा कि एक साजिश के तहत हिंदू लड़कियों को बरगला कर ‘लव जिहाद’ किया जा रहा है। किसी युवती की मौत के बाद भी उसके शव के साथ दुष्कर्म करना किसी जानवर के लिए भी शर्मनाक है। जिहादियों द्वारा इस तरह का काम किया जा रहा है। ऐसे ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। यह कानून इतना मजबूत होना चाहिए कि जिहादियों के दिलों में डर बैठ जाए। ‘लव जिहाद’ भारतीय संस्कृति को नष्ट करने की साजिश की तरह चल रहा है। अतः ‘लव जिहाद’ को एक संगठित अपराध माना जाना चाहिए। यह सच फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ से सामने आया है । अब तक ‘लव जिहाद’ गुप्त रूप से चल रहा था; लेकिन साक्षी की नृशंस हत्या को देखते हुए अब इस तरह के मामले खुलेआम शुरू हो गए हैं। आध्यात्मिक परंपराओं का विनाश और महिलाओं का भ्रष्टाचार हिंदू संस्कृति को समाप्त करने का षड्यंत्र है। हिन्दू लड़कियों को धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाती है । इसे रोकने के लिए लव जिहाद के विरुद्ध सख्त कानून आवश्यक है।
…तो गाय काटने वालों के साथ न भागतीं हिंदू युवतियां ! – श्रीमती मीनाक्षी शरण, संस्थापक, अयोध्या फाउंडेशन, मध्य प्रदेश
इस भारत भूमि की रक्षा के लिए करोड़ों हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। अगर ऐसा है तो हम इस जमीन के टुकड़े दूसरे धर्मों के लिए कैसे दे सकते हैं? भारतीय परंपराएँ और संस्कृति हमारे महान ऋषियों द्वारा मानव जाति के लाभ के लिए बनाई गई हैं। सुबह उठकर सबसे पहले धरती को नमस्कार करना, सूर्यनारायण को नमस्कार करना हिंदुओं की संस्कृति है। हिंदू धर्म सिखाता है कि भगवान को चढ़ाने के लिए फूल तोड़ने से पहले पेड़ से अनुमति लेनी चाहिए। ऐसी संस्कृति में पर्यावरण कैसे बिगड़ सकता है? भारतीय संस्कृति स्वाभाविक रूप से प्रकृति का संरक्षण सिखाती है। साल 2021-22 में भारत ने 11 लाख 75 हजार मीट्रिक टन बीफ का निर्यात किया। यह हमारे धर्म और शास्त्रों के विरुद्ध है। हमारी संस्कृति में गाय को चरने के लिए कहा गया है। अगर हमारे बच्चों को गाय चराना सिखाया होता तो हिंदू युवतियां गाय काटने वालों के साथ नहीं भागतीं। यदि हिंदू अपने बच्चों को अपनी संस्कृति सिखाते तो लव जिहाद की घटनाएं नहीं होतीं। हिंदुओं को अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति सिखानी चाहिए । हिंदुओं को धर्मशास्त्र को समझना चाहिए और उसके अनुसार कार्य करना चाहिए ।
गोवा में 11वां ‘अखिल भारतीय हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ यानी ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ हिन्दुत्वनिष्ठों के अभूतपूर्व उत्साह से संपन्न हुवा । इस महोत्सव में नेपाल और भारत सहित 22 राज्यों के 350 से अधिक संगठनों के 764 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस महोत्सव में कुछ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में पारित प्रस्ताव !
1. भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं को न्याय देने के लिए संविधान से ‘सेक्युलर’ एवं ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाकर वहां ‘स्पिरिच्युअल’ शब्द जोडा जाए एवं भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए ।
2. ‘नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’, नेपाल के हिन्दुओं की इस मांग का यह अधिवेशन पूर्ण समर्थन करता है ।
3. देशभर में श्रद्धा वालकर, साक्षी, अनुपमा आदि अनेक हिन्दू युवतियों की लव जिहादियों ने निघृण हत्या की है । इस समस्या पर उपाय स्वरूप देशस्तर पर कठोर ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ बनाया जाए तथा प्रतिवर्ष प्रत्येक राज्य से हजारों की संख्या में लडकियां-महिलाएं गायब हो रही हैं । उसके पीछे का षड्यंत्र खोजकर इस पर स्थायी रूप से उपाययोजना बनाई जाए ।
4. हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन करनेवाला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ एवं ‘वक्फ’ कानून त्वरित निरस्त कर काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला आदि मुगल आक्रमणकारियों द्वारा हडपे हजारों मंदिर एवं भूमि हिन्दुओं के नियंत्रण में दी जाए ।
5. देशभर में सरकार के नियंत्रण में जो मंदिर हैं, उन सबका सरकारीकरण निरस्त कर मंदिर भक्तों को सौंपे जाएं तथा मंदिरों के लिए ‘हिन्दू बोर्ड’ स्थापित कर उसमें शंकराचार्य, धर्माचार्य, भक्त, पुजारी, धर्मनिष्ठ न्यायाधीश एवं अधिवक्ताओं का समावेश किया जाए ।
6. केंद्र सरकार संपूर्ण देश में ‘गोवंश हत्या प्रतिबंधक’ एवं ‘धर्तमरण प्रतिबंधक’ कानून पारित करे ।
7. लगभग 700 से अधिक आतंकवादियों को कानूनी सहायता करनेवाले ‘जमीयत-ए-उलेमा हिन्द’ संगठन को केंद्र सरकार ने हाल ही हलाल मांस के लिए प्रमाणपत्र देने की अनुमति दी है । वह अनुमति तत्काल निरस्त की जाए तथा भारत में ‘एफ.एस.एस.ए.आई.’(FSSAI) एवं ‘एफ.डी.ए.’(FDA) जैसी शासकीय संस्थाएं होते हुए धार्मिक आधार पर ‘समांतर अर्थव्यवस्था’ निर्माण करनेवाले ‘हलाल सर्टीफिकेशन’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
8. कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ नामक केंद्रशासित प्रदेश की नििर्मति कर वहां विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन किया जाए ।
9. पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एवं भारत सरकार द्वारा पूछताछ कर वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा दी जाए ।
10. भारत में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुसलमानों को लौटाने के लिए सरकार कठोर कानून बनाए । सी.ए.ए. (नागरिकता सुधार) कानून पर तत्काल अमल किया जाए ।
11. गत कुछ वर्षाें में अहिन्दुओं की जनसंख्या का विस्फोट देखते हुए सर्वधर्मियों की जनसंख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए देश में तत्काल ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ लागू किया जाए ।
12. मणिपुर में हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कठोर कदम उठाए तथा स्थायी रूप से हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान करे ।
श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,
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