500 वर्षों के संघर्ष के उपरांत अयोध्या में निर्माण हुआ प्रभु श्रीराम का मंदिर हिन्दू राष्ट्र की निर्मिती की दिशा में पहला कदम है, ऐसा हम मानते हैं; परंतु लोकसभा चुनावों के उपरांत भी देश की परिस्थिति को देखते हुए हिन्दुओं की समस्या सुलझाने के लिए हिन्दुओं का इकोसिस्टम निर्माण कर नियोजनबद्ध पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता है । इस बार के चुनाव के दौरान आए कुछ सार्वजनिक रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि भारत की स्वतंत्रता के उपरांत 1950 से 2015, इन 65 वर्षों के काल में हिन्दुओं की लोकसंख्या लगभग 8 प्रतिशत से कम हो गई है, जबकि उसकी तुलना में इसी अवधि में मुसलमानों की लोकसंख्या में लगभग 43.15 प्रतिशत वृद्धि हुई है । इस वृद्धि को अप्राकृतिक कहना होगा; कारण भारत में अवैध बांग्लादेशियों के साथ ही रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या बढती ही जा रही है । उन्हें पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे भारतीय नागरिकत्व के पहचान पत्र बनाकर देने वालों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट करना चाहिए । इस वर्ष तो चुनावों में भी बांगलादेशी घुसपैठियों द्वारा मतदान किए जाने की घटना उजागर हुई है । मुंबई में ऐसे कुछ घुसपैठियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है । इन अवैध घुसपैठियों का फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदान करना, भारत के लोकतंत्र के लिए संकट निर्माण करने वाला है । इसलिए 2011 के उपरांत 2021 में जनगणना न होने से गत 13 वर्षों में भारत की जनसंख्या में क्या परिवर्तन हुआ, यह तुरंत जनगणना कर जनता के समक्ष रखने की आवश्यकता है । इसके साथ ही CAA एवं NRC संपूर्ण भारत में तुरंत लागू करनी चाहिए ।
देश की सुरक्षा का विचार करने पर, माता वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों की बस पर आतंकवादी आक्रमण से सामने आया है कि कश्मीर में आतंकवाद अब धीरे-धीरे हिन्दू बहुल जम्मू की दिशा में अग्रसर है । पंजाब में खलिस्तानवादी आंदोलन सहित राष्ट्रविरोधी एवं विदेशी शक्तियां भारत को अस्थिर करने के लिए जोर-शोर से सक्रिय हो गई हैं । भारत सहित विश्व भर के हिन्दुओं पर हमले बढ गए हैं । ऐसे समय पर हिन्दुओं को जात पात के झगडे में उलझाकर उनमें फूट डालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है; अपितु हिन्दू राष्ट्र के मार्ग में ऐसी कितनी भी बाधाएं आएं, तब भी हिन्दुओं के संगठित प्रयासो से विरोधी अपने षडयंत्र सफल नहीं होंगे । वैश्विक स्तर पर विविध देशों में बढते जाने वाले युद्ध-अस्थिरता को देखते हुए हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है, जो विश्वबंधुत्व की और ‘वसुधैव कुटुंबकम’की संकल्पना पूरे समाज को जोड सकती है और उसे एक संघ रख सकती है । इसलिए हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य को गति देने के लिए प्रतिवर्ष
समान इस बार भी बारहवें‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । यह महोत्सव 24 से 30 जून 2024 तक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में संपन्न होने वाला है, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु डॉ चारुदत्त पिंगले ने पत्रकार वार्ता में कहा । मथुरा में पी. डी. मॉडर्न पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में अखिल भारत हिंदू महासभा की जिलाध्यक्षा सुश्री छाया गौतम भी उपस्थित थे ।
सुश्री छाया गौतम जी ने कहा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यानमार, इंडोनेशिया तक सनातन फैला हुआ था । 800 वर्षों तक मुसलमानों की गुलामी और 250 वर्षों तक ईसाइयों की प्रताड़ना सही है । स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात इस देश के, अखण्ड भारत के धर्म के नाम कितने टुकड़े हुए यह हमने देखा है । आज पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली और मुम्बई में जिस तरह से रोहिंग्या को बसाकर वहां की डेमोग्राफी बदली जा रही है । ये एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा है । कितने टुकड़ों में भारत माता बटती रहेगी और हम कब तक सहते रहेंगे । हिंदुओं को अब जगना होगा और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रण लेना होगा।
हिन्दू जनजागृति समिति के सदगुरु डॉ चारुदत्त पिंगले ने कहा कि इस अधिवेशन में प्रमुख रूप से श्रीकृष्ण जन्मभूमि व श्री राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए इसके साथ ही काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के विरोध में न्यायालयीन लडाई देनेवाले अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन और उनके सुपुत्र अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, पावन चिंतन धारा आश्रम के पूज्य पवन सिन्हा गुरुजी, ’स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष श्री रणजीत सावरकर, तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह, ‘हिन्दू इकोसिस्टिम’ के संस्थापक श्री कपिल मिश्रा, भारत के भूतपूर्व सूचना आयुक्त एवं ‘सेव कल्चर सेव भारत’ के संस्थापक श्री उदय माहूरकर के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता, व्यवसायी, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिर विश्वस्त इसके साथ ही अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
इस बार के अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र से संबंधित विविध विषयों पर विशेषज्ञ मान्यवरों के परिसंवाद के साथ ही प्रत्यक्ष समान कृति कार्यक्रम निश्चित करने के लिए गुटचर्चा रहेगी । ‘सनातन धर्म की वैचारिक सुरक्षा’, ‘धर्म एवं राष्ट्र विरोधी नैरेटिव को प्रत्युत्तर’, ‘हिन्दू समाज की रक्षा के उपाय’, ‘हिन्दू राष्ट्र के लिए संवैधानिक प्रयत्न’, ‘मंदिर संस्कृति की रक्षा के उपाय’, ‘वैश्विक स्तर पर हिन्दुत्व की रक्षा’,‘देश की अर्थव्यवस्था को आवाहन देने वाली हलाल अर्थव्यवस्था पर उपाय’, लैंड जिहाद’, काशी-मथुरा मुक्ति’ जैसे विविध विषयों के साथ ही हिन्दू राष्ट्र की नींव के लिए आवश्यक विविध विषयों पर, इस महोत्सव में विचार मंथन होगा ।
इस अधिवेशन के लिए अमेरिका, इंग्लैंड, घाना, नेपाल और बांग्लादेश इन देशों से प्रतिनिधि आने वाले हैं । इन देशों सहित भारत के 26 राज्यों से 1000 से भी अधिक हिन्दू संगठनों के 2000 से भी अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है । इसमें प्रमुख रूप से इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज, ‘इंटरनैशनल वेदांत सोसाइटी’ के स्वामी निर्गुणानंद गिरी महाराज, छत्तीसगढ़ के श्री राम बालकदास महात्यागी महाराज, छत्तीसगढ़ के शदाणी दरबार’ के प.पू. डॉ. युधिष्ठिरलाल महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन में होगी ।
इस अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org द्वारा, इसके साथ ही समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यु-ट्यूब’ चैनल और facebook.com/hjshindi1 इस ‘फेसबुक’ द्वारा भी किया जाएगा । विश्वभर के हिन्दुत्वनिष्ठ इस ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’का लाभ लें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से किया गया है ।
श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,
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