इन दिनों आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समय ठीक नहीं चल रहा है. पंजाब में नई नवेली सरकार पर हर दिन कोई न कोई मुसीबत आ रही है वहीं दिल्ली में तो पहले से ही बंटाधार हो रखा है. अब देखिए एक बार फिर केजरीवाल एंड टीम को बड़ा झटका लगा है क्योंकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को सोमवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये कार्रवाई कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में की गई है। सत्येंद्र जैन पर फर्जी कंपनियों के जरिए अवैध तरीके से लेन-देन के आरोप हैं। ईडी ने पहले उनसे पूछताछ की और फिर बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने भी अगस्त 2017 में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। जिसके बाद दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने मंत्री का बचाव किया था।

देखा जाए तो आम आदमी पार्टी में भ्रष्ट विधायकों और मंत्रियों की भरमार है. आपको याद होगा ये वही पार्टी है जिन लोगों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना व्यापक अभियान चलाया, दिल्ली वालों को हसीन सपने दिखाए, जमकर फ्री-फ्री का राग अलापा. वहीं पंजाब का हाल तो दिल्ली से भी बुरा है. पंजाब में AAP की सरकार बने 2 महीने ही पूरे हुए कि उनके मंत्रिमंडल के 3 मंत्री अलग-अलग मामलों में कानून की गिरफ्त में पहुंच गए। वहीं हाल ही में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया।

लेकिन यहां तो सिर्फ एक या दो नहीं केजरीवाल की पार्टी में ऐसे कई नेता बैठे हैं जो सत्ता के संरक्षण में भ्रष्ट्राचार की रोटी सेंक रहे हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दागी और भ्रष्ट नेताओं की बात करें तो दिल्ली में हुए दंगे तो आपको याद ही होंगे. दंगों में AAP के पार्षद ताहिर हुसैन का क्या कनेक्शन था ये सबको मालूम है जिसे कोर्ट ने हाल ही भी दोषी करार दिया है। वहीं अमानतुल्लाह खान जैसे दंगाई अभी भी पार्टी में बने हुए हैं.

देश की जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का वादा कर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, लेकिन वो छवि दिखावटी साबित हुई। AAP अपने सिद्धांतो के उलट भ्रष्टाचार में डूबी हुई है जिसकी पुष्टि पार्टी के नेताओं पर लग रहे आरोप कर रहे हैं। लेकिन इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल का भ्रष्टाचार के मामलों में अपने नेताओं को बचाना उनकी स्वार्थ की राजनीति को साफ तौर पर दर्शा रहा है।

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