आतंकवाद के गढ़ पाकिस्तान में दिनों दिन हालात बद से बदत्तर होते जा रहे हैं. पड़ोसी इस्लामी देश में हिंदु और सिख समुदाय के लोगों पर जुल्म लगातार जारी है . किसी न किसी बहाने इस अल्पसंख्यक समुदाय को अपमानित किया जा रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को सिख टीचर दीना कौर का किडनैप कर उसका जबरन निकाह कर दिया गया। इतना ही नहीं, सिख लड़की का निकाह करवाने से पहले जबरन उसे इस्लाम धर्म कुबूल करवाने का मामला भी सामने आया है. घटना 20 अगस्त 2022 की है। अब सिख समुदाय घटना के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है। पाकिस्तान के थाने के बाहर नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दीना कौर नाम की सिख टीचर का किडनैप शनिवार को हुआ था। अगले दिन 21 अगस्त 2022 को परिवार को कहा गया कि उनकी बेटी का निकाह मुस्लिम से करवा दिया गया। परिवार फौरन पुलिस थाने पहुंचा, वहीं पुलिस ने इस मामले पर गंभीरता से कोई संज्ञान नहीं लिया कोई एफआईआर न होने पर सिख समुदाय के लोग भड़क गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। सिखों की मांग है कि जब तक उनकी लड़की वापस नहीं मिलती तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

वहीं दीना कौर के पिता गुरबचन सिंह ने बताया कि उनकी बेटी कल इंतजामिया की तरफ से अगवा की गई। उन्होंने पुलिस से लेकर प्रशासन तक से गुहार लगाई लेकिन किसी ने तसल्ली से कोई जवाब नहीं दिया. गुरबचन सिंह ने कहा कि वह तब तक सड़कों पर प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक उन्हें इंसाफ नहीं दिया जाता।

इस बीच बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि “एक परिवार कैसे चुपचाप अपनी बेटियों को जबरन धर्म परिवर्तन और भावनात्मक रूप से शोषण होते देख सकता है? यह बुनियादी मानवाधिकारों के खिलाफ है और हम पाकिस्तान के सिख भाइयों के समर्थन में खड़े हैं। मैं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इन बातों पर ध्यान नहीं दे रहे। सिखों की सुरक्षा की मांग को लेकर हम जो ट्वीट करते हैं वो भी इग्नोर किए जाते हैं।”

दरअसल पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में रहने वाले हिंदु और सिक्खों पर हर रोज जुल्म की खबरें सामने आ रही हैं. वहां बड़े ही सुनियोजित तरीके से सिख अल्पसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में साल 2014 से इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से सिखों के उत्पीड़न के मामले बढ़ गए हैं। इसके चलते पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों के बीच अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है और पहले से अल्पसंख्यक सिखों की आबादी भी तेजी से घटी है।

 

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