कहते है शिक्षा में जिस दिन तुष्टिकरण घुस जाए, समझ लीजिये उस दिन देश गर्त में धंसता चला जाएगा और कुछ ऐसा ही हाल है झारखंड का. वैसे भी जब से झारखंड में JMM और कांग्रेस की सरकार आई है उस दिन से राज्य की शिक्षण प्रणाली में कुछ न कुछ गड़बड़झाला हो ही रहा है. इसी कड़ी में झारखंड में तुष्टीकरण का एक और उदाहरण सामने आया है. दरअसल झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार स्कूलों के नाम बदलने का काम बड़ी ही तेजी से कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोहरदगा में नदिया हिंदू हाई स्कूल का नाम बदलकर डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया। स्कूल के नाम से हिंदू शब्द भी हटाने की खबर थी. जिसे लेकर वहां रहने वाले हिंदुओं ने नाराजगी जाहिर की थी.
कुछ ऐसा ही कारनामा बोकारो जिले में भी देखने को मिला जहां चास बोकारो के रामरुद्र प्लस टू हाइस्कूल से रामरुद्र शब्द को हटा दिया गया. इसके बाद लोगों में नाराजगी बढ़ती गई. इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि मामले को तूल पकड़ता देख विभाग ने अपना फैसला वापस ले लिया है जिसके तहत लोहरदगा नदिया हिंदू हाई स्कूल में फिर से हिंदू शब्द जोड़ दिया गया है साथ ही चास बोकारो के रामरुद्र प्लस टू हाइस्कूल से रामरुद्र शब्द को दोबारा जोड़ दिया गया है.
25 एकड़ क्षेत्र में बने नदिया हिंदू हाई स्कूल की स्थापना आजादी के पहले 1931 में हुई थी जिसके लिए बिड़ला परिवार ने अपनी जमीन दान में दी थी. साथ ही बिड़ला परिवार की शर्त थी की ये जमीन सरकार को दी जाएगी. लेकिन स्कूल का नाम नदिया हिंदू हाई स्कूल ही रहेगा. लेकिन तुष्टीकरण में क्या नियम और क्या शर्त सब बेमानी बातें हो जाती हैं. वैसे अब झारखंड सरकार डैमेज कंट्रोल में भले ही जुट गई है लेकिन ये सब जानते हैं कि किस तरह से झारखंड के अलग-अलग जिलों में एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए शिक्षा की बलि दी जा रही है!
इन दिनों झारखंड में स्कूलों को निशाना बनाया जा रहा है। झारखंड में कभी स्कूलों पर हरे रंग की पुताई कर दी जाती है तो कभी बच्चों की यूनिफॉर्म के रंग को हरे रंग में बदल दिया जाता है तो कभी जुमे के दिन छुट्टी देने का दबाव बनाया जाता है। कहीं ना कहीं इन सबके पीछे झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ही जिम्मेदार है, जो राज्य में तुष्टिकरण की नीति से इन कट्टरपंथियों के मनोबल को बढ़ावा देने का काम कर रही है। देखा जाए तो इसके जरिये झारखंड सरकार का हिंदू विरोधी रवैया भी सामने आ रहा है. सवाल ये कि हिंदू नाम और राम की पहचान मिटाने की साजिश कौन कर रहा है. झारखंड से हिंदुओं की पहचान मिटाने की क्यों कोशिश की जा रही है? आखिर प्रभु श्री राम के नाम से किसे आपत्ति है?
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