प्रकृति में सूर्य चन्द्रमा कब ग्रहण की चपेट में आ जाते हैं | प्रकृति प्रदत्त मनुष्य अपने गहन अध्ययन व् अनुभव से यह भविष्यवाणी करने में सक्षम होता है कि कब, किस समय,विश्व के किस स्थान पर कितनी अवधि के लिए किस दिन सूर्य व् चन्द्र ग्रहण होगा तथा दूसरी तरफ उसके अर्थात मनुष्य के हँसते खेलते जीवन में  कब, कहाँ, किस दिन,किस समय.किस कारण कितनी अवधि के लिए जीवन में ग्रहण लग जाये कोई भी मनुष्य इसमें सक्षम नही होता हैं | कितना विचित्र है मी मनुष्य सूर्य चन्द्र के ग्रहण की भविष्यवाणी कर सकता हैं स्वयं या किसी और के विषय में नहीं |  इसलिए मनुष्य परमेश्वर द्वारा निर्मित केवल एक कठपुतली ही हैं

*** डॉ पांचाल

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